लोभ-लालच सफलता नहीं दे सकते : नवजीत भारद्वाज

जालंधर 17 अप्रैल (ब्यूरो) : मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नज़दीक लमांपिंड चौंक जालंधर में सामुहिक निशुल्क दिव्य हवन यज्ञ का आयोजन मदिंर परिसर में किया गया।
सर्व प्रथम ब्राह्मणो द्वारा मुख्य यजमानो शिबू बतरा, उदय सिंह, सरोज बाला से विधिवत वैदिक रिती अनुसार पंचोपचार पूजन, षोडशोपचार पूजन ,नवग्रह पूजन उपरांत  सपरिवार हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई गई।

सिद्ध मां बगलामुखी धाम के प्रेरक प्रवक्ता नवजीत भारद्वाज जी ने दिव्य हवन यज्ञ पर उपस्थित मां भक्तों को प्रवचनों का रसापान करवाते हुए कहते है कि  लोभ-लालच से आच्छादित मन, मृग-मरीचिका में भटकता रहता है, पर वह दूसरों को नहीं, बल्कि स्वयं को ठगता है। धोखा देने के चक्कर में स्वयं धोखा खाता है। दूसरों को छलने से स्वयं की आत्मा में छाले पड़ जाते हैं और वे रिसते रहते हैं। जहां लालच और लोभ की वृत्ति ज्ञात होने पर स्वजन और मित्रों का स्नेह भंग हो जाता है, वहीं लालच की विसंगति खुलने से स्वयं को भी आत्म-ग्लानि के साथ लच्जित होना पड़ता है।

लालची और लोभी व्यक्ति अपने कपट-व्यवहार को कितना ही छिपाये देर-सबेर प्रकट हो ही जाता है। आज का मानव बहुरूपिया बन गया है, उसका स्वभाव जटिलताओं का केंद्र बन गया है। हर किसी के साथ और हर स्थान पर लोभ और लालच से पेश आता है। यहां तक कि भगवान के आगे भी वह अपनी लोभी बुद्धि का कमाल दिखाए बगैर बाज नहीं आता।

नवजीत भारद्वाज जी एक श्लोक के माध्यम से मां भक्तों को कहते है कि *त्रिविधं नरकस्येदं द्वारं नाशनमात्मन:। काम: क्रोधस्तथा लोभस्तस्मादेतत्त्रयं त्यजेत्॥*  इस श्लोक का अर्थ ये है कि तीन प्रकार के अवगुण व्यक्ति को नरक के द्वार तक ले जाते है. ये तीन गुण हैं काम, क्रोध और लोभ। ये तीनों ही अवगुण व्यक्ति की आत्मा की सुंदरता का नाश करते हैं। इसलिए इनसे दूर ही रहना चाहिए।
नवजीत भारद्वाज जी ने प्रवचनों को विराम देते हुए अंत में कहा कि आज व्यक्ति हर समय, हर क्षण लोभ-लालच में लिप्त है। कहा जाता है सर्प टेढ़ा-मेढ़ा वक्रता में चलता है, परंतु अपने ‘बिल’ में वह सीधा जाता है, परंतु मानव अपनी वक्रता, कूटनीति कभी नहीं छोड़ता। *इस मायाजाल से बाहर आने के लिए  नवजीत भारद्वाज जी ने माँ भक्तों को बड़े सुंदर और सरल अंदाज में समझाते है कि  सेनेगल के युवा राष्ट्रपति बासिरू दिओमाये फेय द्वारा कहे शब्दों को दहरोते है कि अपने दफ्तरों में अपने बच्चों की तस्वीर लगाइए और जब भी फैसला करना हो उसे तस्वीर को देखिए। और यदि किसी भी प्रकार की चोरी करने का लोभ जागृत हो तो गहराई से अपने परिवार की उस तस्वीर की तरफ देखिए और अपने आप से पूछिए कि क्या यह परिवार एक ऐसे चोर का परिवार कहना पसंद करेगा जिसने देश को धोखा दिया।

इस अवसर पर श्वेता भारद्वाज, श्री कंठ जज, निर्मल शर्मा, मुनीश शर्मा, राकेश प्रभाकर, पूनम प्रभाकर, दिशांत शर्मा, समीर कपूर, मोनीका कपूर  ,अमरेंद्र कुमार शर्मा,दिनेश चौधरी,नरेश,कोमल ,जगदीश डोगरा, ऋषभ कालिया, भोला शर्मा,रिंकू सैनी, वेद प्रकाश, कमलजीत,बलजिंदर सिंह,अभिषेक भनोट, धर्मपालसिंह, अमरजीत सिंह, उदय ,अजीत कुमार , नरेंद्र ,रोहित भाटिया,बावा जोशी,राकेश शर्मा, अमरेंद्र सिंह,बावा खन्ना, विनोद खन्ना, नवीन , प्रदीप, सुधीर, सुमीत,जोगिंदर सिंह,  मनीष शर्मा, डॉ गुप्ता,सुक्खा अमनदीप , अवतार सैनी, परमजीत सिंह, दानिश, रितु, कुमार,गौरी केतन शर्मा,सौरभ ,शंकर, संदीप,रिंकू,प्रदीप वर्मा, गोरव गोयल, मनी ,नरेश,अजय शर्मा,दीपक , किशोर,प्रदीप , प्रवीण,राजू, गुलशन शर्मा,संजीव शर्मा, रोहित भाटिया,मुकेश, रजेश महाजन ,अमनदीप शर्मा, गुरप्रीत सिंह, विरेंद्र सिंह, अमन शर्मा, ऐडवोकेट शर्मा,वरुण, नितिश,रोमी, भोला शर्मा,दीलीप, लवली, लक्की,  मोहित , विशाल , अश्विनी शर्मा , रवि भल्ला, भोला शर्मा, जगदीश, नवीन कुमार,मुनीष मैहरा, निर्मल,अनिल,सागर,दीपक,दसोंधा सिंह, प्रिंस कुमार, पप्पू ठाकुर, दीपक कुमार, नरेंद्र, सौरभ, नरेश,दिक्षित, अनिल, कमल नैयर, अजय,बलदेव सिंह भारी संख्या में भक्तजन मौजूद थे।

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