जालन्धर 21 नवम्बर (बृजेश शर्मा) : पंजाब के शहरों या गांवों की बात की जाए तो हर जगह कहीं न कहीं समस्यायों से भरे हुए है। लेकिन जालन्धर में एक गांव है।
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जहां करीब 70 प्रतिशत के करीब एनआरआई रहते है। गांव की कुल आबादी करीब 4500 है। इस गांव का नाम है गाखल गांव। जहां ऐसी कोई भी सुविधा नही की वहां वो मौजूद न हो। गांव में सीमेंट की बनी गालियां,पानी का पूरा प्रबंधन, सही सीवरेज सिस्टम,बहते पानी की सही निकासी और भी कई ऐसी सुविधाएं है जो यहां गांव वासियो को मिलती है।
काफी समय तक इस गांव के करीब एक छप्पड़ होता था। जिसे वहां ठीक करवा सीचेवाल मॉडल के तहत वहां पानी को साफ करने वाला वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया गया है। ताकि पानी की बर्बादी को रोका जा सके।
गांव के छप्पड़ को पार्क में बदला
गांव वासियो ने कहा कि गांव के अधीन एक छप्पड़ होता था। जो हमेशा गंदगी से भरा रहता था। और ऐसा कुछ भी नही हो पा रहा था कि जिससे गांव के बजुर्गो को बैठने के लिए कोई सुविधा मिल सके। क्योंकि शाम के समय यह होता था कि बुजुर्ग अपने घरों से बाहर निकल एक साथ इकट्ठा हो और कहीं आपस में बैठकर बातचीत कर सकें।
लेकिन हमारे एनआरआई भाइयों की मदद से इस छप्पड़ को हटाकर यहां पर एक सुंदर पार्क बनाया गया। जिस सर्च ही वहां पर एक बड़ी पार्किंग भी बनाई गई है। जहां करीब 40 से 50 गाड़िया आर्म से खड़ी की जा सके। इस पार्क के सामने गुरुद्वारा साहिब भी है जहां कोई भी समागम होता है तो अब लोगों को गाड़ियां लगाने में कोई दिक्कत या परेशानी नहीं आती।
इस गांव में नोजवानों के लिए भी है खासी सुविधाएं
गांव में जहां बुजुर्गों के बैठने व सैर करने के लिए के लिए पार्क बनवाया गया है।
वहीं दूसरी ओर नौजवानों के लिए भी वहां खेलने के लिए कबड्डी कुश्ती क्रिकेट का मैदान भी बनाए गए हैं।
साथ ही एक जिम भी तैयार किया गया है।
गांव में नशे का नही कोई नामोनिशान : सरपंच
गांव के सरपंच सुखवंत सिंह सुक्खा ने बताया कि इस गांव में नशे का कोई भी नामोनिशान नही है। क्योंकि गांव के नोजवान या तो विदेश चले गए है। ज्यादातर नोजवान अपने काम काज में व्यस्त रहते है या फिर खेलो की और ध्यान रखते है।
चाहे गांव के कुछ लोग बाहर विदेशों में बस गए है लेकिन आज भी अपनी मिट्टी से करते है प्यार
इस गांव में जहां करीब 70% लोग विदेशों में जाकर बस गए हैं लेकिन बावजूद इसके गांव में किसी भी तरह की जरूरत हो तो उसमें पूरा सहयोग करते हैं गांव में होने वाली गतिविधियों पर एनआरआई भाइयों का हमेशा सहयोग रहता है।