लड़कियाँ होती हैं धैर्य,सच्चाई और शक्ति का प्रतीक : डॉ सूफी राज जैन,पढ़े

जी नेटवर्क 5 फरवरी (ब्यूरो) : सर्व धर्म ख्वाजा मंदिर, पंजाब में बीबी ज़ैनब (स .अ) के प्रकाश पर्व का आयोजन अत्यंत श्रद्धा और उत्साह के साथ किया गया। इस पावन अवसर पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी, जिन्होंने भक्ति भाव से कार्यक्रम में भाग लिया और अपनी श्रद्धा व आस्था प्रकट की। इस आयोजन की संपूर्ण देखरेख मंदिर के अध्यक्ष और आध्यात्मिक गुरु डॉ. सूफी राज जैन जी के मार्गदर्शन में की गई।

कार्यक्रम के दौरान बीबी ज़ैनब का अलम प्रस्तुत किया गया, जिसे देखकर श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए। अलम दर्शन के समय पूरे वातावरण में आध्यात्मिक ऊर्जा और भक्ति का संचार हुआ। इस मौके पर विभिन्न धार्मिक और आध्यात्मिक प्रवचनों का आयोजन भी किया गया, जिनमें बीबी ज़ैनब (स .अ) के जीवन, उनकी शिक्षाओं और अद्वितीय साहस पर विस्तार से प्रकाश डाला गया।

बीबी ज़ैनब (स .अ) साहस और संघर्ष की प्रतीक

बीबी ज़ैनब (स .अ) साहस, धैर्य और सच्चाई की शक्ति का जीता-जागता उदाहरण थीं। करबला के युद्ध के बाद, जब उनके भाई इमाम हुसैन और परिवार के अन्य सदस्यों को निर्दयता से शहीद कर दिया गया, तब बीबी ज़ैनब (स .अ) ने अपार धैर्य और वीरता का परिचय दिया।

जब उन्हें कैदी बनाकर यजीद की सभा में लाया गया, तो उन्होंने बिना किसी भय के सत्य और न्याय की बुलंद आवाज़ उठाई। उनके ओजस्वी भाषणों ने जालिम हुकूमत को हिला दिया और इंसानियत के सच्चे संदेश को लोगों तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके साहसिक नेतृत्व ने यह साबित कर दिया कि एक महिला भी कठिन परिस्थितियों में धर्म, सत्य और न्याय के लिए लड़ सकती है और अपने अधिकारों की रक्षा कर सकती है।

महिलाओं के लिए प्रेरणा

बीबी ज़ैनब (स .अ) की ज़िंदगी सिर्फ इतिहास का एक अध्याय नहीं है, बल्कि हर महिला के लिए एक प्रेरणा है कि वह कभी भी अपने अधिकारों से समझौता न करे। वे सिखाती हैं कि संकट चाहे जितना भी बड़ा हो, साहस और आत्मबल से हर कठिनाई को पार किया जा सकता है।

इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने उनके जीवन से प्रेरणा लेते हुए उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। पूरे आयोजन के दौरान धार्मिक भजनों, कव्वालियों और तकरीरों के माध्यम से उनकी वीरता और शिक्षाओं को याद किया गया।

कार्यक्रम का समापन विशेष दुआओं और प्रसाद वितरण के साथ किया गया, जहां भक्तों ने आपसी भाईचारे और शांति की प्रार्थना की।

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