जन्मदात्री की तरह जन्मभूमि का स्थान भी श्रेष्ठ : नवजीत भारद्वाज

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जालंधर 14 अगस्त (ब्यूरो) : मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नज़दीक लमांपिंड चौंक जालंधर में सामुहिक निशुल्क दिव्य हवन यज्ञ का आयोजन मदिंर परिसर में किया गया।सर्व प्रथम ब्राह्मणो द्वारा मुख्य यजमान अमित अग्रवाल से विधिवत वैदिक रिती अनुसार पंचोपचार पूजन, षोडशोपचार पूजन,नवग्रह पूजन उपरांत सपरिवार हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई गई। सिद्ध मां बगलामुखी धाम के प्रेरक प्रवक्ता नवजीत भारद्वाज ने दिव्य हवन यज्ञ में उपस्थित मां भक्तों को देश की आजादी की वर्षगांठ पर बधाई देते हुए संस्कृति के श्लोक का अनुसरण किया।

‘‘भूमे: गरीयसी माता,स्वर्गात् उच्चतर: पिता।
जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी।।’’

उन्होंने अर्थात् समझाते हुए कहा कि भूमि से ऊँची माता होती है, और स्वर्ग से ऊँचे पिता होते हैं, लेकिन ‘जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी’ अर्थात इस संसार में जननी यानी माता तथा जन्मभूमि स्वर्ग से भी बढक़र हैं। हमारे वेद पुराण तथा धर्म ग्रंथ सदियों से दोनों की महिमा का बखान करते रहे हैं। माता का प्यार, दुलार, ममता अतुलनीय है इसी प्रकार जन्मभूमि की महत्ता हमारे सभी भौतिक सुखों से कहीं अधिक है। जन्मभूमि की गरिमा और उसके गौरव को जन्मदात्री के तुल्य ही माना है। जिस प्रकार माता बच्चों को जन्म देती है, लालन-पालन करती है बच्चों की खुशी के लिए कई कष्टों को सहते हुए सुखों का परित्याग करती है उसी प्रकार जन्मभूमि जन्मदात्री की तरह ही अनाज उत्पन्न करती है। वह अनेक प्राकृतिक विपदाओं को झेलते हुए भी अपने बच्चों का लालन-पालन करती हैं। नवजीत भारद्वाज जी ने कहा है कि वह लोग जिन्हें अपने देश तथा जन्मभूमि से प्यार नहीं उनमें सच्ची मानवीय संवेदनाएँ नहीं हो सकती।
जो भरा नहीं है, भावों से बहती जिसमें रसधार नहीं।

हृदय नहीं वह पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं।
माता (जननी) प्रत्येक रूप में पूजनीय है तभी तो माता को देव तुल्य माना गया है। जन्मदात्री की तरह जन्मभूमि का स्थान भी श्रेष्ठ है। जन्मभूमि भी तो माता का ही रूप है जहाँ हम हँसते खेलते बड़े होते हैं। उसी का अन्न खाकर हमारे शरीर और मस्तिष्क का विकास होता है। जन्मभूमि भी हमारे लिए जन्मदात्री के समान वंदनीय है। इसकी रक्षा व सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। हमारे देश में कई ऐसे महापुरुष, सच्चे सपूत हुए हैं जिन्होंने जन्मभूमि की आन-बान-शान के लिए हँसते-हँसते अपने प्राणों की बलि दे दी। इन शहीदों की अमर गाथाएँ आज भी युवाओं में देश की भावना को जागृत करती है। अत: जननी और जन्मभूमि दोनों ही वंदनीय है। दोनों ही अपने-अपने रूपों में पुत्र पर सुखों को न्योछावर करती है । इनकी रक्षा करना हमारा उत्तरदायित्व है।

इस अवसर पर श्वेता भारद्वाज,राकेश प्रभाकर,पूनम प्रभाकर ,सरोज बाला, समीर कपूर, विक्की अग्रवाल, अमरेंद्र कुमार शर्मा,प्रदीप,सौरभ भाटिया,विवेक अग्रवाल, दिनेश चौधरी,नरेश,कोमल, मुनीष मैहरा, जगदीश डोगरा, ऋषभ कालिया,रिंकू सैनी,बावा खन्ना, उदय ,अजीत कुमार , नरेंद्र,बावा जोशी,राकेश शर्मा, अमरेंद्र सिंह,नवीन , प्रदीप, सुधीर, सुमीत, डॉ गुप्ता, दानिश, रितु,गौरी केतन शर्मा,सौरभ ,शंकर, संदीप,नरेश,अजय शर्मा,दीपक , किशोर,प्रदीप , प्रवीण,राजू,मुकेश अग्रवाल, अनु अग्रवाल, रजेश महाजन ,अमनदीप शर्मा, गुरप्रीत सिंह, विरेंद्र सिंह, अमन शर्मा,वरुण, नितिश,रोमी, भोला शर्मा,दीलीप, लवली, लक्की, मोहित , विशाल , अश्विनी शर्मा , रवि भल्ला, भोला शर्मा, जगदीश, नवीन कुमार, निर्मल,अनिल,सागर,दीपक, पप्पू ठाकुर, दीपक कुमार, नरेंद्र, सौरभ,दीपक कुमार, नरेश,दिक्षित, अनिल, कमल नैयर, अजय सहित भारी संख्या में भक्तजन मौजूद थे।

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