जालंधर 6 फरवरी (ब्यूरो) : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपना पद संभालते ही अवैध तरीके से रह रहे लोगों के खिलाफ करवाई शुरू कर दी है। इस कार्रवाई के दौरान अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 104 भारतीयों को डिपोर्ट कर बुधवार को अमेरिकन एयर फोर्स के विमान में वापस भेज दिया। यह विमान अमेरिका से चल अमृतसर के एयरपोर्ट पर लैंड हुआ।
जिसमें सवाल 104 भारतीयों को छोड़ वापस चला गया। इन सभी भर्तियों में 30 पंजाबी थे। जिसमें जालंधर के चार युवक शामिल थे।
फगवाड़ा के गांव चहेडू के रहने वाले जसकरण सिंह कल अपने घर पहुंचे। इसके बाद वह रात अपने परिवार के साथ बैठ सारी कहानी बताई। जसकरण सिंह चार बहनों का एक लोता भाई है।
जानकारी देते हुए जसकरण सिंह के पिता जोगा सिंह ने बताया कि वह करीब 6 महीने पहले घर से विदेश जाने के लिए निकला था। जहां उसने करीब दो से ढाई महीने दुबई में गुजारे। जिसके बाद वह कई रास्तों और देशों से गुजरता हुआ 25 जनवरी को मेक्सिको में दाखिल हुए। मेक्सिको में दाखिल होने के बाद ही वहां की पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद कल उन्होंने विदेश से इसे वापस भेज दिया।
जोगा सिंह ने बताया कि बेटे को बाहर भेजने के लिए रिश्तेदारों व अन्य से 40 से 45 लाख रुपया उधार लेकर इसे बाहर भेजा था। परिवार ने सोचा था कि बेटा विदेश गया है अब घर के हालात भी ठीक होंगे। लेकिन कुदरत को शायद कुछ और ही मंजूर था। इतने पैसे लगाने के बावजूद भी बेटा वापस आ गया। परिवार ने बताया कि अब तो घर का गुजारा करना भी मुश्किल हो गया है।
जसकरण के पिता जोगा सिंह ने अपील करते हुए केंद्र और पंजाब सरकार से गुजारिश करते हुए आर्थिक सहायता की अपील की है।
नहीं उन्होंने बताया कि जिस एजेंट ने जिस कारण को विदेश भेजा था वह दुबई में रहता है और उसने बेटे को धोखाधड़ी से फसाया था।
