अपने बल को नियंत्रण में रखो उसे ज्यादा बढ़ाना या प्रदर्शित करना उचित नहीं : नवजीत भारद्वाज

जालंधर 8 जून (ब्यूरो) : मां बगलामुखी धाम नजदीक लम्मां पिंड चौंक होशियारपुर रोड़ पर स्थित गुलमोहर सिटी में धाम के संस्थापक एवं संचालक नवजीत भारद्वाज की अध्यक्षता में साप्ताहिक मां बगलामुखी हवन यज्ञ करवाया गया। सबसे पहले ब्राह्मणों द्वारा नवग्रह, पंचोपचार, षोढषोपचार, गौरी, गणेश, कुंभ पूजन, मां बगलामुखी जी के निमित्त मंत्र माला जाप कर मुख्य यजमान उदय सूर्यवंशी से सपरिवार पूजा अर्चना उपरांत हवन यज्ञ में आहुतियां डलवाईं ।

इस यज्ञ में उपस्थित मां भक्तो को आहुतियां डलवाने के बाद नवजीत भारद्वाज ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आप प्राणी कहलाते हैं, जो प्राणों के माध्यम से जीता है उसे प्राणी कहा जाता है। मनुष्य में 10 प्रकार के प्राण होते हैं, उनकी रक्षा करना हमारा कर्तव्य है। अपने प्राणों के प्रति सावधानी रखना चाहिए। हम शारीरिक, आर्थिक, मन वचन, काया और बल के कारण आवेश में आकर अपने प्राणों को कमजोर करते हैं, परिवार के सदस्य भी सदमे में आ जाते हैं दूसरे सदस्य भी रु ग्ण हो जाते हैं। यदि आप आवेश में आकर क्रुद्ध होकर कुछ बोलते हैं वह किसी को धक्का देने से भी ज्यादा चोट पहुंचाता है। दूसरों के कटु शब्द सुनकर हम आवेश में आ जाते हैं, हमारे मान- अभिमान पर चोट होती है। मान-अपमान का प्रदर्शन होने लगता है।

जितना बड़ा समूह होगा हमारा मान-अभिमान उतना बड़ा होगा। यदि मान बढ़ता है तो हमारा खून संचार बढ़ जाता है। इसके बारे में नवजीत भारद्वाज ने कहा है कि जिसके पास सम्यक दर्शन होगा वह अच्छे से जीवन प्रबंधन कर लेता है, यानी ना तो किसी को कष्ट देता है ना कटु वचन बोलता है। यही उसको परिणाम में वापस भी मिलता है। अपनी स्थिति जो स्वयं संभाल ले वह दूसरे को भी आधार दे सकता है, चिंताएं और रोग ऐसे लोगों को कम होते हैं जो संतुलित जीवन जीते हैं, अपने बल को नियंत्नण में रखो उसे ज्यादा बढ़ाना या प्रदर्शित करना उचित नहीं होता, खून का संचार बढ़ने से वह शरीर के लिए घातक हो जाता है अत: मन वचन और भाव को सम्यक रखना आवश्यक है।

इस अवसर पर समीर कपूर ,राकेश प्रभाकर, पूनम प्रभाकर, नीरज कपूर, संजीव सोंधी, प्रदीप, डॉ शर्मा,प्रदीप शर्मा, धीरज, बलजिंदर सिंह, प्रिंस कुंडल, रोहित भाटिया, बलवंत बाला, मुनीश शर्मा, सुरेंद्र शर्मा, एडवोकेट राज कुमार, मोहित,अशोक शर्मा, दिशांत शर्मा, बावा खन्ना, लवली, गोपाल मालपानी, अश्विनी शर्मा, संजीव शर्मा, मुकेश चौधरी, अमरेंद्र सिंह, गौरव जोशी,संजीव सांविरया, यज्ञदत्त, राकी,बावा जोशी, पंकज,करन वर्मा, राजेश महाजन, संजीव शर्मा, डॉ गुप्ता,मानव शर्मा, राजीव, दिशांत शर्मा,अशोक शर्मा, प्रदीप, अभिलक्षय चुघ, पंकज, राकेश, ठाकुर बलदेव सिंह,अभिलक्षय चुघ,लक्की, बावा खन्ना, सुनील जग्गी,प्रिंस,पंकज, प्रवीण सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर भंडारे का भी आयोजन किया गया।

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