जालंधर 25 अप्रैल (ब्यूरो) : मां बगलामुखी जी के सिद्ध स्थान मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नजदीक लम्मा पिंड चौक जालंधर में मां बगलामुखी जी के निमित्त श्रृंखलाबद्ध सप्ताहिक दिव्य हवन यज्ञ का आयोजन 25 अप्रैल 2024 दिन गुरुवार को मंदिर परिसर में किया गया।
सर्व प्रथम ब्राह्मणों द्वारा मुख्य यजमान संजीव शर्मा से सपरिवार पंचोपचार पूजन, षोढषोपचार पूजन, नवग्रह पूजन उपरांत हवन यज्ञ में आहुतियां डलवाई गई।सिद्ध मां बगलामुखी धाम के प्रेरक प्रवक्ता नवजीत भारद्वाज ने आए हुए मां भक्तों को हिंदू धर्म शास्त्रों में दान के महत्व के बारे में बताया गया है। दान करना बहुत ही पुण्य का काम माना जाता है। सनातन धर्म में सदियों से ही दान की परंपरा रही है।
आज भी लोग मन की शांति, मनोकामना पूर्ति, पुण्य की प्राप्ति, ग्रह-दोषों के प्रभाव से मुक्ति और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए दान करते हैं। दान का महत्व इसलिए भी अधिक बढ़ जाता है। क्योंकि ऐसी मान्यता है कि, आपके द्वारा किए दान का लाभ केवल जीवन ही नहीं बल्कि मृत्यु के बाद भी मिलता है, क्योंकि मृत्यु के बाद जब आपके कर्मों का आंकलन किया जाता है तो यही पुण्य कर्म काम आते हैं।
लेकिन दान का पुण्य फल आपको तभी प्राप्त होता है, जब दान सही समय, सही तरीके और सच्चे मन में किया गया हो।
इस अवसर पर नवजीत भारद्वाज ने *सिद्धा मन प्रभु नाम नाल जोड़ना तेरा इस जग विच बंदे कोई होर ना* भजन कीर्तन कर आई हुइ संगत को प्रभु भक्ति में ओत प्रोत कर दिया।
उन्होंने प्रत्येक महीने के आखिरी रविवार को होने वाले मासिक हवन-यज्ञ में सम्मिलित होने के लिए सभी भक्तजनों का आवाहन किया सभी भक्तजन सपरिवार आमंत्रित है।
इस अवसर पर अरविंदर पाल सिंह , पूनम प्रभाकर, अमरेंद्र कुमार शर्मा, राकेश प्रभाकर, समीर कपूर, रोहित भाटिया, बावा जोशी, बावा खन्ना, मुकेश गुप्ता , अजीत कुमार, संजीव शर्मा, तेजस भारद्वाज, रुपम प्रभाकर, राजेश महाजन, मनीष कुमार, संजय, सोनू, नवदीप, उदय, अमन, सुक्खा अमनदीप, अमरजीत सिंह, अवतार सैनी, गौरी केतन शर्मा, अभिलक्षय चुघ , सुरेन्द्र सिंह बावा , रिंकू सैनी, सुनील जग्गी, अमरेंद्र कुमार शर्मा, प्रवीण,राजू, वरुण,दीलीप,लवली, लक्की, रोहित, विशाल , अशोक शर्मा, नवीन कुमार, अश्विनी शर्मा,रवि भल्ला, जगदीश, पप्पू ठाकुर, ठाकुर बलदेव सिंह ,सुक्खा, अमरजीत , प्रिंस , अमनदीप शर्मा, त्रेहन ,कन्हैया, सहित भारी संख्या में भक्तजन मौजूद थे।
हवन-यज्ञ उपरांत विशाल लंगर भंडारे का आयोजन किया गया।