जैसे हैं हल्के के हालात,वैसे ही बन रहे हल्के में आते इस अस्पताल के हालात,देखें वीडियो
जालंधर 3 सितंबर (ब्यूरो) : पंजाब के 23 जिले इस समय बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं वहीं दूसरी और जालंधर की स्थिति भी लगातार बिगड़ती जा रही है। सरकार भले ही राहत व बचाव कार्यों को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रही हो, लेकिन हालात इन दावों की पोल खोलते नजर आ रहे हैं। वहीं आज जालंधर के सेंट्रल हल्के के विधायक की जमानत तो हो गई है।पर लगता है आज सिविल अस्पताल की जमानत जब्त हो गई हो,विधायक के जेल जाने के बाद जो हल्के को संभालने के बड़े बड़े दावे कर रहे है क्या उनका काम सिर्फ फोटोज खिंचवाने वाला ही है। जमीनी स्तर पर काम न विधायक के रहते हुआ न ही उसके बाद कमान संभालने वाले इंचार्ज ने करवाया है। आज सिविल अस्पताल में करीब 10 घंटे बिजली गुल रही तो क्या इस बारे में किसी ने भी सरकार के बनाए हुए हल्का इंचार्ज को कोई सूचना नहीं दी या फिर यह कहें कि इस लिए नहीं बताया कि काम कौनसा होना है। कहने के बावजूद भी। अब तो सेंट्रल हल्के के लोग भी इसे लावारिस समझने लग गए है। क्योंकि यहां पर जमीनी स्तर पर कोई काम करता नहीं है। लेकिन बातों में ऐसे दिखते है कि यहां पर तो ए वन काम कर दिया गया है। आज सिविल अस्पताल में बिजली न आने को लेकर सारे मरीजों से लेकर पूरा स्टाफ काफी परेशान रहा। लेकिन इंचार्ज साहब लगता कहीं और ही व्यस्त रह रहे है अपने हल्के को छोड़ कर।
आज सुबह जालंधर के सर्किट हाउस कॉन्फ्रेंस हॉल की छत से पानी टपक रहा था और सीलिंग के कई हिस्से नीचे गिर चुके थे। इतना ही नहीं, कंट्रोल रूम, जिसे प्रशासन ने हालात संभालने के लिए तैयार किया था, वहां भी पानी रिसाव की समस्या सामने आई।
दूसरी ओर जालंधर के सरकारी अस्पताल सिविल में हालात बेहद चिंताजनक बने हुए हैं। जहां पिछले 10 घंटे से बिजली आपूर्ति ठप है, जिसके चलते डॉक्टरों और मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
लोगों का कहना है कि संकट की इस घड़ी में सरकार को सिर्फ दावे करने की बजाय जमीनी स्तर पर ठोस इंतजाम करने चाहिए।
वहीं दूसरी और सिविल सर्जन ने कहा कि हमारी ओर से पहले ही पूरे प्रबंध कर दिए गए थे क्योंकि जो पंजाब के हालात इस समय में जो हुए पड़े हैं। उसके साथ हमने अस्पताल के प्रबंध पहले से ही कर रखे थे।


