जालंधर 13 मार्च (ब्यूरो) : मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नज़दीक लमांपिंड चौंक जालंधर में सामुहिक निशुल्क दिव्य हवन यज्ञ का आयोजन मदिंर परिसर में किया गया।
सर्व प्रथम ब्राह्मणो द्वारा मुख्य यजमान अजीत कुमार से विधिवत वैदिक रिती अनुसार पंचोपचार पूजन, षोडशोपचार पूजन,नवग्रह पूजन उपरांत सपरिवार हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई गई।
सिद्ध मां बगलामुखी धाम के प्रेरक प्रवक्ता नवजीत भारद्वाज जी ने दिव्य हवन यज्ञ पर उपस्थित मां भक्तों को रंगों के पावन त्योहार होली की ढेरों शुभकामनाएं देते हुए आध्यात्मिक प्रवचनों एवं दोहे का अनुसरण करते है कि
*‘‘जे रहीम उत्तम प्रकृति का करीसकत कुसंग,*
*चंदन विष व्यापत नहीं लिपटे रहत भुजंग’’*
नवजीत भारद्वाज जी इस दोहे का भाव समझाते हुए कहते है कि संसार की अनेकानेक निरर्थक बातें मनुष्य के हृदय को डँसती रहती है, कष्ट देती रहती है। इन बातों के कारण ही मनुष्य इतना संत्रस्त, इतना दु:खी, इतना चिंतातुर हो जाता है कि शांत नहीं हो पाता। जिस प्रकार चंदन के पेड़ के चारों तरफ सर्प लिपटा रहता है इसी तरह से मनुष्य इस संसार में रहता है।
मनुष्य खड़ा है चंदन के पेड़ की तरह और दुनिया का जो व्यवहार है वह इस प्रकार है जैसे कि सर्प लिपटा हुआ है। आप कहीं भी जाएं- अच्छे-अच्छे महापुरुषों की भी बदनामी सुनेंगे। आप कभीं भी पहुँचे- हर जगह आपको निरर्थक बातें सुनने को मिलेंगी। लेकिन जिनका हृदय चंदन की तरह शीतल है, जिनके हृदय में प्रेम की धारा प्रवाहित हो रही है ऐसे लोगों के हृदय में दुनियादारी की विषवत् बातें; सर्प की चाल की तरह टेढ़ी बातें; निरर्थक बातें प्रवेश नहीं कर पाती।
नवजीत भारद्वाज जी ने उपस्थित संगत को कहा कि मां भक्त होने के नाते आपको एक बात याद रखनी है यह संपूर्ण संसार आपके चारों तरफ लिपटा हुआ है और आपको चंदन के पेड़ की तरह अपने आपको खड़ा रखना है। ये दुनिया तुम्हारा कुछ नहीं बिगाड़ सकती क्योंकि तुम चंदन की तरह शीतल बन जाओ। तुम्हारे हृदय की शीतलता (दुनिया रूपी) उस सर्प को भी शीतल बना देगी, क्योंकि चंदन शीतल है, ठंडा है, इसीलिए तो सर्प लिपटा रहता है। आपके पास भी ये कष्ट पाने वाले, ये चिंता करने वाले आयेंगे और कहेंगे- हमें भी शांति दो, हमें भी शांति का पाठ पढ़ाओ। लेकिन पहले आप स्वयं चंदन की तरह शीतल हो जाओ।
नवजीत भारद्वाज जी कहते है कि आपके भीतर शीतलता, पवित्रता, शांति, प्रेम, भक्ति, ज्ञान, आनंद आदि जब स्वत: जागृत होंगे, उस समय आपको जीवन का आनंद आयेगा। हमारा काम चंदन की तरह सुगन्ध फैलाना है; वाणी से सुगन्ध फैलाना; भावों से सुगन्ध फैलाना। अपने जीवन को चंदन की तरह शीतल बनाकर जलती दुनिया को शांति का पाठ पढ़ाना, क्योंकि हमारी शीतलता ही उनकी जलन को दूर कर देगी। हवन-यज्ञ उपरांत सभी भक्तजन नें मां बगलामुखी जी से फूलों की होली महोत्सव मनाया। मंदिर का माहौल गरिमापूर्ण फूलों रगों से ओतप्रोत हो गया सभी भक्तजन प्रभु भजन-कीर्तन करते हुए भावविभोर हो रहे थे। इस अवसर पर लंगर भंडारे का विशेष प्रबंध किया हुआ था।
इस अवसर पर श्री कंठ जज, श्वेता भारद्वाज, राकेश प्रभाकर,पूनम प्रभाकर, मन्नत भारद्वाज, जन्नत भारद्वाज, निर्मल शर्मा, समीर कपूर,मोनिका कपूर, दिशांत शर्मा,रीटा शर्मा, जानू थापर,मनीष अमरेंद्र कुमार शर्मा,रिंकू सैनी,स्वामी जी,दिनेश चौधरी, सरोज बाला,नरेश,कोमल ,जगदीश डोगरा, ऋषभ कालिया,अरविंद, रंजीत, कमलजीत,बलजिंदर सिंह,अभिषेक भनोट, धर्मपालसिंह, अमरजीत सिंह, उदय नरेंद्र ,रोहित भाटिया,बावा जोशी,राकेश शर्मा,कमल, कृष्णा,अमरेंद्र सिंह,बावा खन्ना, विनोद खन्ना, नवीन , प्रदीप, सुधीर, सुमीत ,जोगिंदर सिंह, मनीष शर्मा, डॉ गुप्ता,सुक्खा अमनदीप , अवतार सैनी, परमजीत सिंह, दानिश, रितु, कुमार,गौरी केतन शर्मा,सौरभ ,शंकर, संदीप,रिंकू,प्रदीप वर्मा, गोरव गोयल, मनी ,नरेश,अजय शर्मा,दीपक , किशोर,प्रदीप , प्रवीण,राजू, गुलशन शर्मा,संजीव शर्मा, रोहित भाटिया,मुकेश, रजेश महाजन ,अमनदीप शर्मा, गुरप्रीत सिंह, विरेंद्र सिंह, अमन शर्मा, ऐडवोकेट शर्मा,वरुण, नितिश,रोमी, भोला शर्मा,दीलीप, लवली, लक्की, मोहित , विशाल , अश्विनी शर्मा , रवि भल्ला, भोला शर्मा, जगदीश, नवीन कुमार, चेतन अरोडा, नरेश निर्मल,अनिल,सागर,दीपक,दसोंधा सिंह, प्रिंस कुमार, पप्पू ठाकुर,शत्रुघ्न, दीपक कुमार, नरेंद्र,शुभम बत्रा, सौरभ,संदीप,संतोष, संजय,मुनीष मेहरा,बलवंत सिंह,अनु ककड,बाबी, सुमित ,सौरभ, नरेश,दिक्षित,ओपी शर्मा, अनिल, कमल नैयर, अजय,बलदेव सिंह भारी संख्या में भक्तजन मौजूद थे।
