जो मानव को, मानवता को, समाज को और राष्ट्र को आपस में जोड़े वहीं धर्म-नवजीत भारद्वाज

जालंधर 31 दिसंबर (ब्यूरो) : मां बगलामुखी धाम मे सम्पूर्ण फलदाई मासिक हवन यज्ञ के उपलक्ष पर धाम के संस्थापक एवं संचालक नवजीत भारद्वाज जी ने आए हुए मां भक्तों को सबसे पहले अपने मधुर भजनों से निहाल किया गया और कलयुग में धर्म की मनुष्य को कितनी आवश्यकता है के बारे में ब्याखयान करते हुए कहा कि मनुष्य के लिए धर्म की जरूरत क्या है जब इस बात की चर्चा करते हैं तो सबसे पहले यह सवाल उठता है कि धर्म क्या है? क्योंकि धर्म को जाने बिना हम उसकी जरुरत को नहीं समझ सकते।

तो चलिए सबसे पहले धर्म को ही ढूंढते हैं। ढूंढना इसलिए पड़ रहा है क्योंकि अब धर्म के ऊपर संप्रदाय के इतने आवरण चढ़ा दिए गए हैं कि धर्म भी खुद को नहीं पहचान पा रहा है कि वह कौन है और उसका वास्तविक स्वरूप क्या है।

 


नवजीत भारद्वाज जी ने कहा कि अब हम धर्म का अर्थ ढूंढने निकले हैं तो सबसे पहले महाभारत युद्ध समाप्त होने के बाद की वह घटना याद आती है जब युधिष्ठिर भीष्म से ज्ञान लेने आते हैं और पूछते हैं कि, धर्म क्या है? भीष्म साफ शब्दों में समझाते हैं…. धारणात् धर्म इत्याहु: धर्मों धारयति प्रजा:। य: स्यात् धारणसंयुक्त: स धर्म इति निश्चय:।। यानी जो धारण करता है, एकत्र करता है, अलगाव को दूर करता है, वह ‘‘धर्म’’ हैं।

 


इसे साफ अर्थो में जानें तो जो मानव को, मानवता को, समाज को और राष्ट्र को आपस में जोड़े वहीं धर्म है। जो मनुष्य को अधोगति में जाने से बचाए वहीं धर्म। इसके विपरीत जो भी है वह धर्म नही है यानी जो एक मनुष्य को दूसरे मनुष्य से लड़ाए वह अधर्म है।
लेकिन धर्म को इन परिभाषाओं में बांधकर नहीं रखा जा सकता है। वास्तव में धर्म इससे कहीं व्यापक है। धर्म एक मार्गदर्शक है, गुरू है, अंधे की आंख, कमजोर की लाठी, ताकतवर का डर और ज्ञानियों का ज्ञान है जो उन्हें सही राह पर चलना सीखता है। जिस मनुष्य को सही राह पर चलना आ गया है वास्तव में उनके लिए तो किसी धर्म की जरूरत ही नहीं है।

लेकिन मनुष्य जन्म से लेकर मृत्यु तक अहंकार, लोभ, अभिमान और मोह के बंधन में बंधा रहता है। इसलिए मनुष्य में मनुष्यता को बनाए रखने के लिए धर्म की आवशयकता है। धर्म के नहीं होने पर मनुष्य आसमान में भटकते दिशाहीन बादलों की तरह नष्ट हो जाएगा। मनुष्य को नष्ट होने से बचाने के लिए ही धर्म की आवशयकता है।

इस अवसर पर श्री कंठ जज , जोगिंदर सिंह,राकेश प्रभाकर बलजिंदर सिंह, एडवोकेट राज कुमार, निर्मल शर्मा, श्वेता भारद्वाज,पूनम प्रभाकर,पूजा,गजल, ज्योति चढ्ढा,सरोज बाला,अमरजीत सिंह,वावा जोशी,सौरभ अरोडा,किंवीन शर्मा,नवदीप,उदय, अभिनंदन प्रभाकर,अजीत कुमार, अश्विनी शर्मा धूप वाले, मुनीश शर्मा, दिशांत शर्मा,अमरेंद्र शर्मा, मानव शर्मा, बावा खन्ना, विवेक शर्मा, शाम लाल, अभिलक्षय चुघ,सुनील,राजीव, राजन शर्मा, प्रिंस, ठाकुर बलदेव सिंह, अजीत साहू,प्रवीण, दीपक ,अनीश शर्मा, साहिल,मनी सिंह,साहिल,सुनील जग्गी सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर का भी आयोजन किया गया।

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