अमेरिका से जालंधर करीब डेढ़ महीने में कार चलाकर पहुंचा व्यक्ति

जालंधर 4 अक्टूबर (Zee ब्यूरो) : कहते हैं कि ख्वाहिशों की कोई कीमत नहीं होती और उसे पूरा करने के लिए इंसान दिन- रात एक कर देता है, और बहुत कम लोग होते हैं जो अपने ख्वाब को साकार कर पाते हैं।

ऐसे ही अपनी ख्वाहिश को साकार किया है अमेरिका में रहने वाले लखविंदर सिंह ने, उन्होंने अमेरिका से जालंधर तक का सफर अपनी शानदार कार में सड़क मार्ग द्वारा तय किया है। बता दे यहां सफर लगभग उन्होंने डेढ़ महीने में तय किया है और बहुत सारे देशों के लोगों के साथ उनकी मुलाकात भी हुई। ख्वाहिश उनके कोरोना वायरस के समय में दिल में आई थी जब करने के लिए कोई काम नहीं था, तब दिल में कुछ अलग करने की ख्वाहिश है और आज उन्होंने इस ख्वाहिश को पूरा कर लिया।

टीम के साथ खास बातचीत करते हुए लखविंदर सिंह ने बताया कि 1985 में वह अपने पूरे परिवार के साथ अमेरिका चले गए थे, उसके बाद से ही वह पूरे परिवार के साथ अमेरिका में रह रहे हैं। अमेरिका से जालंधर सड़क मार्ग से आने की ख्वाहिश को लेकर कहा पहले जब मैंने अपने घर वालों को बताया तो उन्होंने साफ साफ मना कर दिया की तुम जिंदा वापस नहीं आओगे इसलिए हम तुम्हें जान नहीं देंगे। लेकिन बाद में किसी तरह मैंने अपने परिवार को मना लिया। उसके बाद मैंने अपने कागजात का काम करवाया और निकल पड़ा अमेरिका टू जालंधर के सफर पर। इस सफर में मेरे साथ बहुत सी हसीन यादें जुड़ गई हैं, क्योंकि कैलिफोर्निया का नंबर देखकर सभी लोग मेरे पास आते थे मेरे साथ सेल्फी लेकर आते थे और मेरे साथ बहुत अच्छा बर्ताव करते थे। मैं शुद्ध शाकाहारी हूं इस वजह से कई जगह खाने की दिक्कत हुई, लेकिन फल से मैं अपना काम चला लेता था, तो मुझे ज्यादा परेशानी महसूस नहीं हुई। इस सफर में सबसे ज्यादा दिन मैं पाकिस्तान में रुका, मेरे परिवार वाले मुझे डरा रहे थे कि तुम किसी और से चले जाओ पाकिस्तान के तो मारे जाओगे, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं था, मैं वहां पर 13- 14 दिन रहा और वहां की अवाम ने मुझे बहुत ज्यादा प्यार दिया क्योंकि उनको लगता था कि मा उनके ही दूसरे पंजाब से आया हूं और मैं उनका भाई हूं। मेरे लिए बर्तन धो कर खास तौर पर शुद्ध शाकाहारी खाना बनाया जाता था। कुछ वाक्य तो वहां पर इस प्रकार हुए की उनका प्यार देखकर आंखों में पानी आ जाता था। आखिर में उन्होंने कहा कि अब इसी तरह मुझे घूमने का शोंक पढ़ गया और मैं आगे भी इसी तरह दुनिया घूमना चाहता हूं।

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