भारत में सूफी परंपरा को नया आयाम देने के लिए सूफी दिव्या राज जैन ने किया शुक्रिया,पढ़े

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न्यूज नेटवर्क 1 मार्च (ब्यूरो) : सर्व धर्म ख़्वाजा मंदिर के महासचिव और पंजाब सूफी इस्लामिक बोर्ड की अध्यक्ष, सूफी दिव्या राज जैन ने ‘जहान-ए-खुसरो’ के सिल्वर जुबली समारोह के उद्घाटन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए सूफी संदेश का स्वागत करते हुए उनका शुक्रिया अदा किया।

 

सूफी दिव्या ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी जी ने सूफी परंपरा, भारतीय संस्कृति और गंगा-जमुनी तहज़ीब के महत्व को जिस प्रकार रेखांकित किया, वह संपूर्ण मानवता के लिए प्रेरणादायक है। सूफी परंपरा सदैव प्रेम, सौहार्द और भाईचारे का संदेश देती आई है, और प्रधानमंत्री जी ने उसी भावना को प्रकट किया है।”

 

उन्होंने आगे कहा कि भारत की संस्कृति सभी धर्मों को समान दृष्टि से देखती है और सद्भाव को बढ़ावा देती है। सूफी संतों ने सदा इंसानियत, करुणा और आपसी भाईचारे का संदेश दिया है, और प्रधानमंत्री मोदी जी का यह संदेश उसी परंपरा को आगे बढ़ाने में सहायक होगा।

सूफी दिव्या ने ‘जहान-ए-खुसरो’ जैसे प्रतिष्ठित सूफी संगीत समारोह के महत्व को भी रेखांकित करते हुए कहा कि यह केवल एक संगीत समारोह नहीं है, बल्कि सूफी परंपरा और भारतीय संस्कृति की विरासत को सहेजने और आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “भारत की सूफी परंपरा ने हमेशा अपनी अनूठी पहचान बनाई है। सूफी संतों ने न केवल मस्जिदों और खानकाहों में आध्यात्मिक संदेश दिया, बल्कि वेदों और कुरान दोनों की शिक्षाओं को आत्मसात कर प्रेम और भाईचारे का संदेश फैलाया।”

प्रधानमंत्री ने भारत की सांस्कृतिक विरासत पर जोर देते हुए कहा, “हमारा हिंदुस्तान एक ऐसा बाग़ीचा है, जहां तहज़ीब के हर रंग खिले हैं। यह वही धरती है, जहां कबीर, रहीम और रसखान जैसे संतों ने प्रेम और सौहार्द का संदेश दिया, जो आज भी प्रासंगिक है।”

सूफी दिव्या ने प्रधानमंत्री मोदी के इन विचारों को ऐतिहासिक और सामयिक बताते हुए कहा कि यह संदेश समाज में आपसी प्रेम, सौहार्द और शांति को और अधिक सुदृढ़ करने में सहायक होगा। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे इसी भावना के साथ समाज में समरसता बनाए रखें और भारत की गंगा-जमुनी तहज़ीब को और अधिक मजबूत करें।

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