केंद्रीय मंत्री अमित शाह द्वारा HizbUtTahrir पर लगाए गए प्रतिबंध का डॉ सूफी राज जैन ने किया स्वागत,पढ़े

न्यूज नेटवर्क 12 अक्तूबर (ब्यूरो) : डॉ. सूफी राज जैन, सूफी इस्लामिक बोर्ड पंजाब के अध्यक्ष, ने गृह मंत्रालय द्वारा जनाब अमित शाह द्वारा के नेतृत्व में #HizbUtTahrir पर लगाए गए प्रतिबंध का खुले दिल से स्वागत किया है। उन्होंने इस फैसले को सही दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम बताया, जो न केवल राष्ट्र की सुरक्षा के लिए आवश्यक है, बल्कि मुस्लिम समुदाय के युवाओं को कट्टरपंथी विचारधारा से बचाने के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

 

डॉ. जैन ने बताया कि Hizb Ut Tahrir, एक कट्टरपंथी संगठन है जो लंबे समय से मुस्लिम युवाओं के मन में गलत विचारों का बीज बोने का प्रयास कर रहा है। यह संगठन उन्हें भारत के खिलाफ और समाज में नफरत फैलाने के लिए उकसाने की कोशिश करता रहा है। ऐसे में, इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय समय की मांग थी, जिससे समाज के युवाओं को गुमराह होने से बचाया जा सके।

 

यह भी उल्लेखनीय है कि @almass3ari, जो Hizb Ut Tahrir का सदस्य है, ने उस वक्त सूफी इस्लामिक बोर्ड को निशाना बनाया था, जब यह बोर्ड पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ अभियान चला रहा था। उस समय, सूफी इस्लामिक बोर्ड ने PFI के कट्टरपंथी और विभाजनकारी एजेंडे का खुलकर विरोध किया था, और उसे भारतीय समाज के लिए खतरा बताया था।

 

खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, PFI की कट्टरपंथी गतिविधियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कट्टरपंथी संगठन, पार्टी ऑफ इस्लामिक रिन्यूअल, का ध्यान आकर्षित किया था। अप्रैल में, इस संगठन ने PFI को ट्विटर के माध्यम से एक ऑनलाइन पत्र भेजा था, जिसमें उसके कार्यों की प्रशंसा की गई थी और भारतीय सरकार के खिलाफ ‘क्रांतिकारी सेना’ का गठन कर जिहाद करने का आग्रह किया गया था। इस पत्र को चलाने वाला खाता मोहम्मद अल-मस्स’ारी के नाम पर था, जो एक निर्वासित सऊदी नागरिक है और Hizb-ut-Tahrir का पूर्व सदस्य है।

 

इस पत्र में न केवल PFI की तारीफ की गई थी, बल्कि सूफी इस्लामिक बोर्ड, जो कि कट्टरपंथ का विरोध करने वाला एक प्रमुख सूफी संगठन है, को भी टैग किया गया था और धमकी दी गई थी कि यदि वे PFI के खिलाफ अपनी आवाज उठाते रहेंगे, तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इस अभियान के दौरान, PFI ने सूफी इस्लामिक बोर्ड के उन नेताओं को भी निशाना बनाया, जो लगातार इस संगठन के खिलाफ बोल रहे थे और इसके खिलाफ प्रतिबंध की मांग कर रहे थे।

डॉ. सूफी राज जैन का मानना है कि सरकार की इस निर्णायक कार्रवाई से Hizb Ut Tahrir जैसे कट्टरपंथी संगठनों की गतिविधियों पर अंकुश लगेगा और इससे देश के युवाओं को एक स्वस्थ और समावेशी वातावरण में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस तरह के संगठन समाज में नफरत और विभाजन के बीज बोते हैं, जो देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा है।

डॉ. जैन ने इस प्रतिबंध के लिए गृह मंत्रालय और जनाब अमित शाह जी का आभार व्यक्त किया और कहा कि यह कदम न केवल देश के सुरक्षा ढांचे को मजबूत करेगा, बल्कि मुस्लिम युवाओं को कट्टरपंथ से बचाने और उन्हें समाज के मुख्यधारा में लाने के लिए भी एक महत्वपूर्ण प्रयास है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस प्रतिबंध के बाद और भी कट्टरपंथी संगठनों पर कार्रवाई होगी, ताकि भारत का भविष्य सुरक्षित और स्थिर बना रहे।

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