जालंधर, 19 जनवरी (ब्यूरो) : पुलिस कमिश्नर स्वपन शर्मा के नेतृत्व में जालंधर कमिश्नरेट पुलिस ने फर्जी सीबीएसई (CBSE) और ओपन स्कूल सर्टिफिकेट (CIRTIFICATE) बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है।
विवरण का खुलासा करते हुए, पुलिस आयुक्त ने कहा कि पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि शहर में एक गिरोह सक्रिय है जो फर्जी CBSE और ओपन स्कूल CIRTIFICATE बनाने में शामिल है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और दोनों व्यक्तियों की पहचान अनुराग डाबर पुत्र राम प्रकाश निवासी बी-46 न्यू विनय नगर जालंधर और राघव चड्ढा पुत्र नरेश चंद्र निवासी फतेहपुरी टांडा रोड के रूप में हुई है। स्वपन शर्मा ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ पुलिस स्टेशन डिवीजन नंबर 8 में धारा 465,467,468,471,420 आईपीसी, 66डी आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।
पुलिस आयुक्त ने बताया कि यह गिरोह बहुत ही शातिर तरीके से काम करता था और बड़े पैमाने पर फर्जी सर्टिफिकेट बनाने का काम करता था।आरोपी राघव चड्ढा अपने निवास टांडा रोड स्थित फतेहपुरी मोहल्ला में यह नकली सर्टिफिकेट बनाता था। पुलिस ने तलाशी के दौरान आरोपियों के कब्जे से एक प्रिंटर सहित एक कंप्यूटर सेट और करीब 600 फर्जी प्रमाणपत्र बरामद किये। इस गिरोह के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि अनुराग डाबर, जो एक निजी स्कूल का प्रिंसिपल है, छात्रों से डेटा इकट्ठा करता था और इसे दूसरे आरोपी राघव को भेजता था। जिसके बाद राघव इसके प्रिंटआउट निकलता था।
स्वपन शर्मा ने कहा कि राघव चड्ढा कंप्यूटर का उपयोग कर डेटा से फर्जी प्रमाणपत्र तैयार करता था और उसे महंगे दामों पर बेचता था। पुलिस कमिश्नर ने बताया कि यह गिरोह इन प्रमाणपत्रों को 20,000 रुपये से लेकर 25,000 रुपये तक की कीमत पर बेचता था। उन्होंने कहा कि मामले की आगे की जांच जारी है और अधिक जानकारी बाद में साझा की जाएगी।