श्री राधा गोविंद मंदिर,मंडी रोड़, जालंधर में पितृ पक्ष के उपलक्ष्य में 10 सितंबर से चल रहे श्रीमद्भागवत महापुराण पाठ में रोहिनिनन्दन प्रभु ने बताया की श्री चैतन्य महाप्रभु जी ने भक्ति के मुख्य पांच अंगों साधु संग,नाम संकीर्तन,भागवत श्रवण,धाम (मथुरा)वास, श्रद्धा से श्री विग्रह की सेवा को पालन करने की जन मानुष को आत्म कल्याण की शिक्षा दी।गोकर्ण धुन्ध कारी प्रसंग याद करते हुए रोहिनिनन्दन प्रभु ने बताया की धुन्ध कारी जो अपने कुकर्मो के कारण प्रेत योनि को प्राप्त हो चुका था का उद्धार गोकर्ण जी के श्रीमद्भागवत कथा श्रवण कराने से हुआ।इसलिये अपने पितरों के मंगल कल्याण के लिए तथा स्वयं के भगवत सेवा व भागवत प्रेम प्राप्ति के लिए शुद्ध संतो के मुखारविंद से इस परम पवित्र ग्रंथ को श्रवण व मनन करना चाहिए।
कार्यक्रम का प्रारंभ सदानंद दास प्रभु,पुजारी भगवान दास प्रभु ने श्री गुरुवंदना, वैष्णव वंदना,पंच तत्व संकीर्तन से किया।
सनातन दास प्रभु ने ‘कृपा करो हम पर शाम सुंदर, हे भक्त वत्सल कहाने वाले’
तथा ‘जय राधा दामोदर बोल,जय जय राधा दामोदर बोल’ भजन पर सबको झूमने पर विवश कर दिया।
पुजारी भगवान दास ने ‘ राधे जय जय माधव दयिते’ पद गान किया।
सदानंद प्रभु ने ‘हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे,हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ‘महामंत्र संकीर्तन किया।
इस मौके पर मदनमोहनदास प्रभु,मनोज गुप्ता,अमित गुप्ता,राकेश कुमार,रवि कुमार,सर्वानंद दास,वृन्दावन चंद्र दास, अनिकेत कुमार,हिमांशु,संजय गुप्ता,प्रोमिला शर्मा,प्राची शर्मा,गौरिका,सीता देवी,रजनी कालिया,नंद रानी दासी,प्रेम गुप्ता,बबिता शर्मा,तुलसी दासी, शिव्या आदि उपस्थित थे। तदुपरांत मंदिर की ओर से प्रसाद (भंडारा)किया गया।
प्रमुख सेवक सदानंद दास प्रभु ने बताया कि श्रीमद्भागवत पाठ 25.09.2022 तक नित्य प्रति सायं 07.30 से 09.30 बजे तक मंदिर में होगा।