PRTC मुलाजिमों का चक्का जाम यूनियन नेताओं की गिरफ्तारी के बाद सभी बस स्टैंड बंद, हालात तनावपूर्ण, देखें वीडियो
न्यूज़ नेटवर्क 28 नवंबर (ब्यूरो) : पंजाब में पीआरटीसी और पनबस कर्मचारियों का विरोध तेज हो गया है। गुरुवार देर रात से ही यूनियन नेताओं को हिरासत में लिए जाने के बाद तनावपूर्ण हालात बन गए। शुक्रवार सुबह होते-होते जालंधर, फिरोजपुर, अमृतसर सहित पूरे प्रदेश में बस स्टैंड बंद कर कर्मचारियों ने चक्का जाम कर दिया। इससे आम नागरिकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
पंजाब भर में बंद किए बस स्टैंड
सरकार द्वारा किलोमीटर स्कीम के तहत टेंडर खोले जाने से पहले ही पुलिस ने कई यूनियन नेताओं को देर रात घरों से उठाकर हिरासत में ले लिया। कुछ नेताओं के न मिलने पर पुलिस ने उनके घरों में भी तलाशी ली। इसी कार्रवाई से गुस्साए कर्मचारियों ने सभी डिपो पर बस स्टैंड बंद कर हड़ताल जारी रखने का फैसला लिया।
कर्मचारी प्रतिनिधि सुखदेव सिंह ने बताया कि रात 3-4 बजे घरों में जाकर गिरफ्तारियां करना बेहद निंदनीय है। सेंट्रल बॉडी के आदेश अनुसार पंजाब के सभी बस स्टैंड अनिश्चितकाल के लिए बंद रखे जाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि जब तक नेताओं को रिहा नहीं किया जाता, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।
Patiala में हुआ लाठीचार्ज
पटियाला में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे रोडवेज कर्मचारियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। कई कर्मचारियों को हिरासत में भी लिया गया। इस घटना पर शिअद प्रधान सुखबीर बादल ने सरकार को आड़े हाथों लिया और आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग का आदेश दिया है।
उन्होंने कहा कि सिख कर्मचारियों की पगड़ी और टोपी का भी अपमान हुआ है और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की।
Moga में बस स्टैंड बंद, कर्मचारियों की नारेबाजी
मोगा में भी यूनियन नेताओं को हिरासत में ले लिया गया, जिसके बाद गुस्साए कर्मचारियों ने बस स्टैंड बंद कर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि प्रस्तावित किलोमीटर स्कीम उनके हितों के खिलाफ है और इसे तुरंत रद्द किया जाए।
कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि मांगें पूरी न हुईं तो संघर्ष और तेज किया जाएगा।
Bathinda में कर्मचारी पानी की टंकी पर चढ़े
बठिंडा में विरोध ने और उग्र रूप ले लिया, जब पीआरटीसी और पनबस के ठेका कर्मचारी पेट्रोल की बोतलें लेकर पानी की टंकी पर चढ़ गए। पुलिस उन्हें नीचे उतारने की कोशिश कर रही है, लेकिन वे अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं।


