वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर भूस्खलन, 32 श्रद्धालुओं की हुई मौत, 20 से अधिक घायल,रेस्क्यू जारी
न्यूज़ नेटवर्क 27 अगस्त (ब्यूरो) : जम्मू-कश्मीर पिछले कई दिनों से भरी बारिश के कारण कई जगहों पर भूस्खलन हो रहा है। वहीँ मंगलवार को कटड़ा से आराधकुअरी के रस्ते में भूस्खलन हने के भरी नुकसान हुआ है। रियासी जिले में माता वैष्णो देवी धाम की ओर जाने वाले मार्ग पर अर्द्धकुंवारी के पास इंद्रप्रस्थ भोजनालय के समीप हुए इस हादसे में अब तक 32 श्रद्धालुओं की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 20 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। प्रशासन ने बताया की मलबे में और लोगों के दबे होने की आशंका है। राहत एवं बचाव अभियान सेना और एनडीआरएफ की टीमें लगातार चला रही हैं।
त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित पवित्र यात्रा मार्ग का बड़ा हिस्सा मलबे के ढेर में तब्दील हो गया है। भारी बारिश की वजह से बचाव कार्य और भी कठिन हो गया है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए माता वैष्णो देवी की यात्रा को मंगलवार को ही तत्काल रोक दिया गया था।

बारिश और तबाही का आलम जारी
लगातार चार दिन से हो रही मूसलाधार बारिश ने जम्मू संभाग के अधिकांश जिलों को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। 2014 की बाढ़ के 11 साल बाद पहली बार संभाग ने इतनी भीषण तबाही देखी है। इस हालत को देखते हुए सैकड़ों परिवार सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाए गए हैं। वहीँ प्रदेश सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे अनावश्यक यात्रा न करें और सुरक्षित स्थानों पर रहें। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
भरी बारिश और पानी के तेज भाव से तीन बड़े पुल क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। इस दौरान बिजली आपूर्ति और मोबाइल नेटवर्क ठप हो गए हैं।
यातायात व्यवस्था भी हुई ठप
भारी भूस्खलनों के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग 12 स्थानों पर अवरुद्ध हो गया है।
जम्मू से आने-जाने वाली 18 ट्रेनें रद्द की गईं।
दो हवाई उड़ानें भी निरस्त करनी पड़ीं।
किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी का जलस्तर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। द्राबशाला रतले पावर प्रोजेक्ट के पास लोहे का पुल बह गया है।
दिल्ली-कटड़ा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है।


