F-35, Su-57 भारत का पहला पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट AMCA, दुश्मनों की नींद उड़ाने को तैयार
न्यूज़ नेटवर्क 16 (ब्यूरो) : भारत ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अपने पहले पांचवीं पीढ़ी के स्टेल्थ फाइटर जेट के विकास का रास्ता साफ कर दिया है। यह विमान आने वाले समय में न केवल भारतीय वायुसेना और नौसेना की रीढ़ बनेगा, बल्कि भारत को दुनिया की उन चुनिंदा ताकतों की कतार में खड़ा करेगा, जिनके पास अत्याधुनिक स्टेल्थ फाइटर्स हैं। अब तक यह सूची केवल अमेरिका, रूस और चीन तक सीमित थी। लेकिन अब भारत चौथा देश बनने जा रहा है।
रक्षा मंत्री ने दिखाई हरी झंडी
12 अगस्त 2025 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंहने एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (AMCA) प्रोजेक्ट के ‘एक्जिक्यूशन मॉडल’ को मंजूरी दी। इस प्रोजेक्ट को बेंगलुरु की एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA), एचएएल (Hindustan Aeronautics Limited) और वैश्विक उद्योग सहयोगियों के साथ मिलकर विकसित करेगी। शुरुआती खर्च लगभग 15,000 करोड़ रुपये से ज्यादा होगा। योजना के मुताबिक 2035 तक यह विमान भारतीय वायुसेना को डिलीवर कर दिया जाएगा।
AMCA – कैसा होगा भारत का पहला पांचवीं पीढ़ी का फाइटर
एएमसीए एक सिंगल-सीट, ट्विन-इंजन लड़ाकू विमान होगा, जिसमें **स्टेल्थ डिजाइन, एडवांस्ड कोटिंग और इंटरनल वेपन बे होंगे। यह डिजाइन अमेरिकी F-22, F-35 और रूसी Su-57 जैसी खूबियों से मेल खाता है।
यह विमान 55,000 फीट तक उड़ान भरने में सक्षम होगा।
आंतरिक वेपन बे में 1500 किलो हथियार ले जा सकेगा।
बाहरी हिस्सों पर 5500 किलो हथियार और 6500 किलो अतिरिक्त ईंधन ले जाने की क्षमता होगी।
इसकी लंबाई लगभग 18 मीटर, विंगस्पैन 11 मीटर और वजन लगभग 25 टन होगा।
दो इंजन वर्ज़न
रिपोर्ट्स के मुताबिक, AMCA के दो इंजन वर्जन होंगे।
1. शुरुआती वर्जन में अमेरिकी **GE F414 इंजन** का इस्तेमाल होगा।
2. बाद में भारत अपना खुद का स्वदेशी इंजन विकसित करेगा, जो और अधिक ताकतवर और ईंधन-कुशल होगा।
सुपरमैन्युवरेबल और मल्टीरोल
AMCA को सुपरमैन्युवरेबल और मल्टीरोल दोनों कैटेगरी में डिजाइन किया जा रहा है।
सुपरमैन्युवरेबल का मतलब है कि यह बेहद कठिन और जटिल दिशा-परिवर्तन कर सकेगा, जिससे डॉगफाइट (हवाई युद्ध) में बढ़त मिलेगी।
स्टेल्थ क्षमताइसे रडार और दुश्मन के अन्य डिटेक्शन सिस्टम से लगभग अदृश्य बना देगी।
मल्टीरोल जेट होने के कारण यह हवाई वर्चस्व, ग्राउंड अटैक, एयर डिफेंस डेस्ट्रक्शन और यहां तक कि नौसैनिक मिशन भी पूरा कर सकेगा।
पांचवीं पीढ़ी की विशेषताएं
पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट्स में कोई तय परिभाषा नहीं है, लेकिन कुछ सामान्य खूबियाँ होती हैं:
स्टेल्थ तकनीक (रडार से बचने की क्षमता)
उन्नत एवियोनिक्स और बैटलफील्ड सॉफ्टवेयर
नेटवर्क-सेंट्रिक वॉरफेयर क्षमता
लो-प्रोबेबिलिटी-ऑफ-इंटरसेप्ट रडार
बेहतर कमांड, कंट्रोल और कम्युनिकेशन (C3)
हाई थ्रस्ट-टू-वेट रेश्यो और सुपरक्रूज़ क्षमता
भारत का AMCA बनाम बाकी दुनिया के विमान
आज की तारीख में केवल तीन देशों के पास ऑपरेशनल पांचवीं पीढ़ी के फाइटर्स हैं:
अमेरिका – F-22 ‘Raptor’ और F-35 ‘Lightning II’
रूस – Su-57
चीन – J-20
इनमें से अमेरिका का F-35 सबसे आधुनिक और महंगा माना जाता है, जिसकी लागत लगभग **1.7 ट्रिलियन डॉलर** है। रूस का Su-57 भारत को ऑफर किया गया था, जबकि अमेरिका भी F-35 का विकल्प भारत को दिखा चुका है। लेकिन भारत ने स्वदेशी AMCA प्रोजेक्ट पर भरोसा जताया।
चीन की छठी पीढ़ी की तैयारी
जहां भारत अपनी पांचवीं पीढ़ी की छलांग ले रहा है, वहीं चीन छठी पीढ़ी के फाइटर पर काम कर रहा है। अप्रैल 2025 की NDTV रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने दो प्रोटोटाइप पर टेस्ट शुरू किया है:
J-36 – तीन इंजन वाला टेललेस डिजाइन
J-50 – V-शेप विंग्स वाला ट्विन इंजन जेट
यह अमेरिकी **Boeing F-47** (नेक्स्ट जनरेशन एयर सुपीरियरिटी फाइटर) का जवाब होगा।
भारत की आधुनिकीकरण रणनीति
AMCA प्रोजेक्ट भारत की उस व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत तीनों सेनाओं को आधुनिक हथियारों से लैस किया जा रहा है।
हाल ही में भारत ने 63,000 करोड़ रुपये की डील कर 26 Rafale-M खरीदे हैं, जो नौसेना के पुराने MiG-29K को रिप्लेस करेंगे।
वायुसेना के पास पहले से 36 Rafale-C मौजूद हैं।
पिछले एक दशक में भारत ने स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर (INS विक्रांत), युद्धपोत, पनडुब्बियां बनाई हैं।
हाइपरसोनिक मिसाइलों का सफल परीक्षण किया है।
रक्षा मंत्री ने 2033 तक 100 अरब डॉलर के घरेलू रक्षा उत्पादन का लक्ष्य रखा है।
पाकिस्तान और चीन पर असर
भारत का AMCA तैयार होना पाकिस्तान और चीन दोनों के लिए बड़ी चुनौती होगा। पाकिस्तान आज भी अमेरिकी F-16 और चीन से मिले JF-17 Thunder पर निर्भर है, जो तकनीकी रूप से 4th जनरेशन विमान हैं। दूसरी तरफ, चीन के पास J-20 जरूर है, लेकिन AMCA के आने के बाद भारत का संतुलन काफी हद तक बराबर हो जाएगा।
क्यों अहम है AMCA?
स्वदेशी तकनीक – भारत विदेशी निर्भरता कम करेगा।
सैन्य आत्मनिर्भरता – ‘मेक इन इंडिया’ को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।
रणनीतिक बढ़त – पाकिस्तान और चीन के खिलाफ शक्ति संतुलन बदलेगा।
निर्यात संभावना – AMCA एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के देशों के लिए विकल्प बन सकता है।
भारत का AMCA प्रोजेक्ट केवल एक फाइटर जेट प्रोग्राम नहीं है, बल्कि यह देश की तकनीकी क्षमता, आत्मनिर्भरता और वैश्विक रणनीतिक शक्ति का प्रतीक है। 2035 तक जब यह जेट भारतीय आकाश में उड़ान भरेगा, तब यह न केवल वायुसेना की रीढ़ बनेगा, बल्कि दुश्मनों के लिए भी यह सबसे बड़ा डर साबित होगा।
अमेरिका के F-22, F-35 और रूस के Su-57 की तरह अब दुनिया को भारतीय आसमान से भी एक ‘स्टेल्थ शिकारी’ की गर्जना सुनाई देगी। और यही वह पल होगा, जब पाकिस्तान और चीन को समझ आ जाएगा कि भारत अब रक्षा तकनीक में किसी से पीछे नहीं है।


