जालंधर के इस नेशनल Highway पर वाल्मीकि समाज ने लगाया धरना,लगा लंबा जाम

जालंधर 18 फरवरी (ब्यूरो) : जालंधर के गांव नूरपुर चट्ठा की सांझी जमीन पर बने धार्मिक स्थल को लेकर मामला गरमा गया है। जहां आज भगवान वाल्मीकि मंदिर गियान आश्रम ( वाल्मीकि तीर्थ ), अमृतसर के मुख सेवादार बाबा गिरधारी नाथ जी की अगुवाई में वाल्मीकि भाईचारे की ओर से जालंधर के पीएपी चौक पर धरना लगाया गया। इस मामले को लेकर प्रशासन के मौके पर ना पहुंचने के विरोध में वाल्मीकि समुदाय ने जालंधर दिल्ली नेशनल हाईवे पर जाम कर दिया।

लोग विरोध में हाईवे की सड़क पर लेट गए है। वहीं हाईवे पर लंबा जाम लग गया है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई है और मामले को शांत करवाया जा रहा है। दूसरी ओर प्रशासन द्वारा रूट को डायवर्ट कर दिया गया है।

जानकारी के अनुसार नूरपुर चट्ठा में कुछ साल पहले मंदिर खाली करवाने के पंचायत द्वारा पास किये गए मते को लेकर लोगों में भारी रोष पाया जा रहा है। धरना लगाकर बैठे लोगों का आरोप है कि गांव नूरपुर की सांझी जमीन जिसका पहले से विवाद चल रहा है पर बीती 14 फरवरी को कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया है। इस मामले को प्रशासन को पत्र भी जारी किया गया है। जारी पत्र में गगनदीप सिंह ने कहा कि सरपंच बलविंदर कौर और उसके पति शिंगारा सिंह द्वारा गांव में मंदिर की सांझी और सरकारी जमीन पर गांव के कुछ व्यक्तियों से कब्जा करवा लिया है। इस कब्जे में कुछ पंच के मैंबर भी शामिल है।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि नूरपूर की सांझी पंचायती जमीन और दुकानों जिसपर कब्ज़ा किया गया है, की निशानदेही करवाई जाए और अवैध कब्जों को हटाकर गांव की आमदन का साधन बनाया जाए। चेयरमैन जोगिंदर सिंह मान ने कहा कि गांवों के कुछ मुद्दे है। वहीं उन्होंने कहा कि 1 महीने पहले लोहिया के अंतगर्त आते गांव जलालपुर में धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी की गई। इस मामले को लेकर जब शिकायत की गई तो पुलिस ने आरोपी को काबू करने की जगह अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।

वहीं दूसरी ओर नूरपूर चट्ठा में गुरुद्वारा सहित कई जगह धार्मिक स्थान पंचायत की जगह पर बने हुए है। लेकिन पंचायत ने भगवान वाल्मीकि मंदिर की जगह को ही खाली करवाने का मता पास किया है। उन्होंने कहा कि यह जाति में भेदवाद के आधार पर कार्रवाई की जा रही है। अगर पंचायत ने कानून लागू करना है तो सभी धर्मों की जगहों पर किया जाना चाहिए। लेकिन एक धर्म को ही निशाना बनाया जा रहा है। इस संबंध में उन्होंने कहा कि यह धरना उनके द्वारा तब तक जारी रहेगा जब तक प्रशासन द्वारा कोई सख्त करवाई का आश्वासन दिया जाता।

 

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