जालन्धर 17 दिसम्बर (ब्यूरो) : जालन्धर के लतीफपुरा में 9 दिसम्बर को सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट ने डिच चलाकर वहां लर बने मकानों को ध्वस्त कर दिया था। जिसके बाद वहां पर सियासी पार्टियों के लीडर वहां पहुंच तो रहे है।
लेकिन दिल का दर्द तो कोई आम आदमी ही समझ सकता है। कि जो लोग बेघर हुए है वो इन हालातों में कैसे रह रहे है। या उन लोगो पर क्या बीत रही है।
ऐसे में एक ऐसा इंसान जिसको इंसानियत का दिल से दर्द हुआ हो। वही समझ सकता है। वीरवार को ऐसा ही एक इंसान गुरजीत सिंह जोकि गुरुओं की धरती फतेहगढ़ साहिब के गांव छाम्पर से साइकिल चलाकर यहां उन बेघर लोगो का हाल जानने पहुंचे है। उन्होंने कहा कि जो इन लोगो पर बीत रही है उस दर्द को कोई भी भर तो नही सकता लेकिन इनका एक सहारा ही बन सकते है। गुरजीत सिंह ने यह भी कहा कि यह कैसी सरकार है कि जिनको किसी के दर्द का कोई एहसास ही नही है। उनको इतना नही पता कि जब किसी का घर टूटता है तो उन परिवार का क्या हाल होता है। जहां वह बचपन से रह रहे हो जिनकी इसी घर मे तीसरी पीढ़ी ने जन्म तक लिया हो। उसके घर मे बच्चे से लेकर बूढे तक सब का दिल दुखी होता है।
जब उस नन्ही बच्ची की वीडियो देखी तो मन बहुत रोया। क्योंकि जिस तरह से वह बच्ची के रही थी कि मम्मी मेरा घर तोड़ दिया। उस समय उस माँ का तो बुरा हाल हुआ ही होगा जबकि हमारा भी बहुत दिल रोया। जब गुरजीत सिंह यह बात बता रहे थे तो उनकी आंखें भी झलक आई।
गुरजीत सिंह का परिवार अमेरिका में जा बसा है। पिछले कई सालों से सारा परिवार अमेरिका में ही रह रहा है। गुरजीत सिंह ने बताया कि जब मैंने यह खबर देखी तो मुझे दिल से बड़ा दुख लगा ।
गुरजीत सिंह ने कहा कि मैं खालसा ऐड वालो का धन्यवाद करता हूं कि जिन्होंने इनके रहने के लिए टेंट लगाए व लंगर की सेवा कर रहे है। मैन भी जिस दिन आया उस दिन इनके साथ टेंट में सोया।तब आखिर पता चला असल मे कि यह सब कैसे रह रहे है। रात के समय मे ठंड इतनी बढ़ जाती है कि उसको सहन करना भी बड़ा मुश्किल होता है।