जालन्धर 17 जून (ब्यूरो) : शनिवार को डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल ने अपना पदभार सम्भाला।इस दौरान उनका परिवार भी उनके साथ इस खुशी के मौके पर मौजूद रहे। वहीं उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा है कि पिछले समय से जो शहर में विकास कार्यो की रुकावट आ रही है। वह उन्हें अपनी टीम के साथ मिलकर जल्द ही दूर करेंगे। पंजाब की सरकार ने जो उन्हें जिम्मेदारी सौंपी है वह उन्हें बखूबी ढंग से पूरी करेंगे।
जालन्धर में स्कूलिंग के बाद अमेरिका से आए नोकरियों के ऑफर को भी ठुकराया
डीसी विशेष सारंगल जिला कपूरथला के गांव ढिलवां के मध्यवर्गीय परिवार में जन्मे है। उन्होंने जालन्धर के मॉडल टाउन स्थित दयानंद मॉडल स्कूल से 10वी की है। इसके बाद 11वी व 12वी उन्होंने MGN स्कूल आदर्श नगर से की है। जिसके बाद उन्होंने थापर इंजीनिरिंग कॉलेज, पटियाला से इलेक्ट्रॉनिकस एंड कमन्यूकेशन में बीटेक की है। वही यह 2 साल तक नोयडा में इंटरनेशनल आईटी फर्म में काम किया। उन्होंने आईआईटी मुम्बई में एमबीए और गुड़गांव की एक कम्पनी में काम किया है।
अमेरिका से नोकरी के ऑफर बहुत आए जिसके बाद उन्होंने ऑफर को ठुकराते हुए जालन्धर लौटकर यूपीएससी की तैयारी शुरू की और पहली ही कोशिश में आईएएस सर्वसिज में चयन हुआ। फिर दोबारा मेहनत कर 2013 में आईएएस का एग्जाम क्लियर किया और आईएएस बने।
2020 में जब जालंधर में कोरोना पूरा जोर पकड़ चुका था तब आईएएस विशेष सारंगल यहां बतौर एडीसी काम कर रहे थे। उन्हें जिले में कोविड प्रबंधों की देखरेख का जिम्मा मिला हुआ था। इसी दौरान जनता की सेवा करते हुए वह खुद भी कोरोना की चपेट में आ गए थे। इसके बावजूद उन्होंने घर को ही ऑफिस का रूप देते हुए कंप्युटर, लैपटॉप के सामने घंटों बैठकर रूटीन के काम जारी रखे। तब विशेष सारंगल ने अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए बैड की उपलब्धता, वेंटिलेटर व ऑक्सीजन सप्लाई को सुनिश्चित बनाए रखा। साथ ही विशेष सारंगल के ऑक्सीजन ऑडिट की बदौलत सिविल अस्पताल में ऑक्सीजन की खपत 47.8 प्रतिशत घट गई थी। तब लीकेज, दुरुपयोग आदि पर अंकुश लगाते हुए विशेष सारंगल ने उन कोविड सेंटरों में ऑक्सीजन सिलेंडर पहुंचाने का मार्ग प्रशस्त किया था जिन्हें इनकी अत्यधिक आवश्यकता थी।