जालंधर 13 अक्टूबर (बृजेश शर्मा) : आज के समय में जहां अपने ही लोग साथ नहीं देते वहां विदेश से आए एक अंग्रेज दंपति ने ऐसा कर दिखाया कि सारा बाजार देखता ही रह गया।
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जालंधर में पिछले करीब 35 वर्षों से रिक्शा चला रहे रतन लाल के साथ कुछ ऐसा हुआ की जिससे उनका खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। बुधवार रात को रिक्शा चालक रतन लाल सीखा बिहार की ओर से आ रहा था कि रास्ते में विदेश से आए एक दंपति ने उन्हें रोका और उनको अपनी रिक्शा पर बिठा लिया। जब उनको वहां से रतनलाल लेकर निकला तो पीछे बैठे दंपति ने अपनी अंग्रेजी भाषा में बताया कि हमें किस जगह जाना है लेकिन रतन लाल को कुछ समझ नहीं आया तो वह एक दुकानदार के पास होगा और उससे कहा कि उनसे पूछो कि कहां जाना है मेरे को इस भाषा की समझ नहीं आ रही। जब दुकानदार ने उन विदेशी दंपति से पूछा जिसके बाद विदेशी व्यक्ति ने खुद रिक्शा सीट पर बैठ गया और रतन लाल को पीछे बैठने को कहा। लेकिन रतनलाल यह सोचकर नहीं बैठा कि पीछे कुछ विदेशी व्यक्ति की पत्नी बैठी हुई है।
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फिर अंग्रेज रिक्शा चलाने लगा और रतन लाल पैदल चलने लगा। कुछ ही कदम रतनलाल चला था कि पीछे से आ रहे अंग्रेज व्यक्ति ने रतन लाल का हाथ पकड़ उसे साथ बिठा लिया। और रहने के बाजार से ना सिनेमा तक खुद ही रिक्शा चलाकर वहां पहुंचा। वहां पहुंचने के बाद अंग्रेज ने रतनलाल को उसका रिक्शा वापिस दिया और साथ में उसको कुछ पैसे भी दिए जिससे रतनलाल बहुत खुश हुआ।
रतनलाल ने यह कहा कि आज के समय में अगर किसी गाड़ियां स्कूटर के साथ रिक्शा का टायर भी लग जाए तो लोग गालियां देते हैं। इन विदेशी लोगों से सीखना चाहिए कि अगर प्यार से रहे तो हम सबका दिल जीत सकते हैं ।