आँखों के सामने ढह गए वो घर जिनमे हमने जन्म लिया,बताओ हमारा क्या कसूर

जालन्धर 12 दिसम्बर (बृजेश शर्मा) : जालन्धर के लतीफपुरा में बीते दिन सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट ने 80 से ऊपर घरों पर डिच चला दी थी।

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जिसके बाद किसी भी सियासी पार्टी के लीडरशिप कोई भी यहां किसी का हाल जानने नही पहुंचे।अब तो यह हालत हो गए है कि परिवार वालो का गुजारा भी धार्मिक संस्थाओं के सदस्यों की और से चल रहा है। यहां पर उनको खाना पीना भी समय पर पहुंचाया जा रहा है।
ऐसे में जब एक परिवार के साथ बात की गई तो उन्होंने कहा कि सरकार ने तो हमारा घर ही तोड़ दिया है। अब तो हमारे पास एक लिफाफे में ही कपड़े रह गए है।
सरकार की और से कोई भी नोटिस तक नही दिया गया। इस घर मे हम पिछले 32 साल से रह रहे है। लेकिन अब इन्होंने हमारा घर नहीं इसको खंडर बना दिया है। हमारे दो बच्चे है। जिनको सुबह स्कूल भेजने के लिए भी किसी के घर मे जाकर तैयार करना पड़ रहा है। और उनको स्कूल में भेजा गया है।
एक माता पिता का सपना होता है कि अपने बच्चो को पढ़ा लिखा कर बढ़ा आदमी बनाया जाए। लेकिन अब जब घर ही नही है तो बच्चो को कहां पर रखे कैसे उनका पालन पोषण करेंगे।
इस बारे में जब बच्चों से बात की गई तो भावुक होकर बच्चों ने भी कहा की अंकल हमारा क्या कसूर था। हमारा तो जन्म भी यहीं पर हुआ है और हम शुरू से इस घर में खेल कर बड़े हुए हैं। पहले जब हम घर से स्कूल जाते थे। तो घर से तैयार होकर अपनी माँ से खाना खाकर और साथ मे लेकर जाते थे। लेकिन अब हम आज जब स्कूल गए तो सुबह हमे खाने के लिए चाय व बिस्कुट खाने को मिले। क्योंकि अब घर नही है तो हमारे माँ बाप खाना कैसे बनाकर खिलाएंगे।

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