DGP ने भेजा SP को मैसेज और स्कैनर,कहा इस स्कैनर पर भेजो पैसे,पुलिस ने की जांच तो हुआ बड़ा खुलासा,पढ़े
न्यूज़ नेवार्क 24 नवबर (ब्यूरो) : बिहार में अपराधियों का मनोबल किस कदर बढ़ा हुआ है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब वे जिले के पुलिस कप्तान को भी फर्जी मैसेज भेजकर ठगी करने की कोशिश कर रहे हैं। खगड़िया के एसपी राकेश कुमार के सरकारी व्हाट्सएप नंबर पर डीजीपी बनकर पैसे की मांग किए जाने के बाद पुलिस हरकत में आई और साइबर ठगों के एक नेटवर्क का भंडाफोड़ कर दिया।
घटना 10 अक्टूबर 2025 की है, जब एसपी खगड़िया के आधिकारिक मोबाइल नंबर पर अज्ञात नंबर 8286663274 से संदेश आया। मैसेज भेजने वाले ने खुद को बिहार का डीजीपी विनय कुमार बताते हुए GPay खाते में पैसे भेजने की मांग की। एसपी को संदेश पर शक हुआ और तुरंत साइबर थाना को इसकी जानकारी दी गई। पु.नि. श्वेता भारती के बयान पर कांड संख्या 42/25 दर्ज की गई।
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी ने एक विशेष टीम गठन की। तकनीकी जांच और लोकेशन ट्रैकिंग के आधार पर छापेमारी की गई और पुलिस ने दो साइबर ठगों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान मधुकांत कुमार, पिता ब्रह्मानंद ठाकुर, निवासी अजमतपुर वार्ड नंबर 09, थाना बैराटी, वैशाली और निखिल कुमार उर्फ निकिल, पिता हेमंत कुमार पासवान, निवासी लारूई हुसैनावाद, थाना बैराटी, वैशाली के रूप में हुई।
पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि वे एक संगठित साइबर ठगी गैंग से जुड़े हैं। यह गिरोह लोगों को लालच देकर उनके आधार पर बैंक खाते और मोबाइल सिम निकलवाता था, जिनका बाद में ऑनलाइन ठगी में उपयोग किया जाता था।
पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से दो मोबाइल फोन, दो बैंक पासबुक, दो आधार कार्ड, एक पैन कार्ड और दो सिम कार्ड बरामद किए हैं। नेटवर्क के अन्य सदस्यों की तलाश में लगातार छापेमारी जारी है। इस पूरी कार्रवाई में पु.उपा. निशांत गौरव, पु.अ.नि. चंद्रकांत कुमार, सिपाही गुलशन कुमार और सशस्त्र बल के जवानों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


