आप अपने भरोसे पर काम कीजिए ईश्वर स्वयं आपकी सहायता करेंगे-नवजीत भारद्वाज

जालंधर 13 जनवरी (ब्यूरो) : मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नजदीक लम्मां पिंड चौक में श्री शनिदेव महाराज के निमित्त श्रृंखलाबद्ध हवन यज्ञ का आयोजन मंदिर परिसर में किया गया। सर्व प्रथम मुख्य यजमान राकेश प्रभाकर से सपरिवार वैदिक रीति अनुसार गौरी गणेश, नवग्रह, पंचोपचार, षोडशोपचार, कलश, पूजन उपरांत ब्राह्मणों ने आए हुए सभी भक्तों से हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई ।

इस सप्ताह श्री शनिदेव महाराज के जाप उपरांत मां बगलामुखी जी के निमित्त भी माला मंत्र जाप एवं हवन यज्ञ में विशेष रूप आहुतियां डाली गई। हवन-यज्ञ की पूर्णाहुति के उपरांत नवजीत भारद्वाज ने आए हुए भक्तों से रामचरितमानस के बारे में व्याख्यान करते हुए कहते है कि रामचरितमानस में भगवान श्रीराम के चरित्र का चित्रण जितने प्रभावशाली तरीके से किया गया है, उतने ही प्रभावशाली तरीके से भगवान राम के माध्यम से जीवन को जीने का तरीका भी बताया गया है। रामचरितमानस में मनुष्य को बताया गया है कि जीवन को सफल और सुखी बनाना है तो राम को भजने के साथ ही सांसारिक व्यवहार का भी ध्यान रखें। नवजीत भारद्वाज जी ने रामचरितमानस की चौपाई का सुमरिन कर प्रभु भक्तों को निहाल किया….

नाथ दैव कर कवन भरोसा। सोषिअ सिंधु करिअ मन रोसा॥
कादर मन कहुँ एक अधारा। दैव दैव आलसी पुकारा।।
नवजीत भारद्वाज जी ने कहा कि रामचरित मानस में यह चौपाई उस समय को बताती है, जब भगवान राम सागर पार करने के लिए सागर से रास्ता मांगने के लिए ध्यान करने जा रहे थे। लक्ष्मणजी ने तब भगवान रामजी को उनकी शक्ति और क्षमता को याद दिलाते हुए कहा था कि आप स्वयं इतने शक्तिशाली हैं कि एक बाण में समुद्र को सुखा सकते हैं, फिर सागर से अनुनय-विनय क्यों? भगवान राम यह सब जानते थे लेकिन फिर भी इन्होंने शक्ति से पहले शांति से परिस्थितियों को हल करने का प्रयास किया और बताया कि शक्तिशाली को संयमी होना भी जरूरी है।

 

आप अपने भरोसे पर काम कीजिए ईश्वर स्वयं आपकी सहायता करेंगे।
सुनहु भरत भावी प्रबल, बिलखि कहेहुँ मुनिनाथ।
हानि, लाभ, जीवन, मरण,यश, अपयश विधि हाँथ।
भले ही लाभ हानि जीवन, मरण ईश्वर के हाथ हो लेकिन हानि के बाद हम हार मानकर बैठें नहीं। ये हमारे ही हाथ हैं। लाभ को हम शुभ लाभ में परिवर्तित कर लें, यह भी जीव के ही अधिकार क्षेत्र में आता है। जीवन जितना भी मिले उसे हम कैसे जिएं यह सिर्फ जीव अर्थात हम ही तय करते हैं, मरण अगर प्रभु के हाथ है तो उस परमात्मा का स्मरण हमारे अपनें हाथ है।

इस अवसर पर श्वेता भारद्वाज,पूनम प्रभाकर,समीर कपूर,अमरजीत सिंह,वावा जोशी, नवदीप, उदय,अजीत कुमार,गुलशन शर्मा,रिशभ कालिया ,अश्विनी शर्मा धूप वाले, मुनीश शर्मा, दिशांत शर्मा,अमरेंद्र शर्मा, मानव शर्मा, बावा खन्ना, विवेक शर्मा, शाम लाल, एडवोकेट राज कुमार, अभिलक्षय चुघ,सुनील,राजीव, राजन शर्मा, प्रिंस, ठाकुर बलदेव सिंह,गौरी केतन, रिंकू सैनी, दिनेश शर्मा, अजय मल्होत्रा, अजीत साहू,प्रवीण, दीपक ,अनीश शर्मा, साहिल,सुनील जग्गी सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर का भी आयोजन किया गया

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