राम नाम को जपे बिना कोई भी परमार्थ को प्राप्त नहीं कर सकता- नवजीत भारद्वाज

जालंधर 11 जनवरी (ब्यूरो) : मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नजदीक लम्मां पिंड चौक जालंधर में मां बगलामुखी जी के निमित्त श्रृंखलाबद्ध दिव्य हवन यज्ञ का आयोजन मंदिर परिसर में किया गया।मां बगलामुखी धाम के संचालक एवं संस्थापक नवजीत भारद्वाज की देख-रेख में हुआ। सर्व प्रथम मुख्य यजमान दिप्ती कौशल से वैदिक रीति अनुसार गौरी गणेश, नवग्रह, पंचोपचार, षोडशोपचार, कलश, पूजन उपरांत ब्राह्मणों ने आए हुए सभी भक्तों से हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई।

मां बगलामुखी जी के निमित्त भी माला मंत्र जाप एवं हवन यज्ञ में विशेष रूप आहुतियां डाली गई। हवन-यज्ञ की पूर्णाहुति के उपरांत नवजीत भारद्वाज ने आए हुए मां भक्तों हुए मां भक्तों को सुमधुर स्वर में भजन का गायन करके निहाल किया। नवजीत भारद्वाज जी ने आए सभी प्रभु भक्तों को तुलसीदास जी के दोहे का सुमरिन करके प्रभु के चरणों से जोड़ते हुए कहते है कि
राम नाम अवलंब बिनु, परमारथ की आस
बरषत वारिद-बूँद गहि, चाहत चढ़न अकास।।

नवजीत भारद्वाज ने इस दोहे का अर्थात् बताते हुए कहते है कि राम-नाम का जप किए बिना जो लोग मोक्ष की आशा करते हैं अथवा धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष रूपी चारों परमार्थों को प्राप्त करने की सोच रखते हैं वे मानो बरसते हुए बादलों की बूंदों को पकडक़र आकाश में चढ़ जाना चाहते हैं। अर्थात् जिस प्रकार पानी की बूंदों को पकड़ कर कोई भी आकाश में नहीं चढ़ सकता वैसे ही राम नाम को जपे बिना कोई भी परमार्थ को प्राप्त नहीं कर सकता।

नवजीत भारद्वाज जी ने एक ओर दोहे से प्रभु भक्तों को निहाल करते हुए कहा कि
राम-नाम-मनि-दीप धरु, जीह देहरी द्वार
‘‘तुलसी’’ भीतर बाहिरौ, जो चाहसि उजियार।।
यदि तुम अपने हृदय के अंदर और बाहर दोनों ओर प्रकाश चाहते हो तो राम-नाम रूपी मणि के दीपक को जीभ रूपी देहली के द्वार पर धर लो। जैसे दरवाजे की देहली पर रखा दीपक घर के बाहर और अंदर दोनों ओर प्रकाश करता है। इसी प्रकार जीभ मानो शरीर के अंदर और बाहर दोनों ओर की देहली है। इस जीभ रूपी देहली पर यदि राम-नाम रूपी मणि का दीपक रख दिया जाय तो हमारा मन भी बाहर और अंदर दोनों ओर अवश्य प्रकाशित हो ही जाएगा।

 


इस अवसर पर अवतार सैनी,एडवोकेट राज कुमार,जानू,राकेश प्रभाकर, रिंकू सैनी ,बलजिंदर सिंह, अजीत कुमार,केतन शर्मा,अमन सुक्खा,समीर कपूर,अमरजीत सिंह,चेतन , मुनीश,हरश ,मोंटी,नवदीप, उदय,अजीत कुमार,मुनीश शर्मा, दिशांत शर्मा,अमरेंद्र कुमार शर्मा, मानव शर्मा, शंकर,हंस राज,बावा खन्ना, विवेक शर्मा, शाम लाल, बावा जोशी ,मंदिप ,राजेश , रविन्द्र ,अशोक,अमित,विनोद खन्ना,अभिलक्षय चुघ,सुनील,राजीव, राजन शर्मा, प्रिंस, ठाकुर बलदेव सिंह,दिनेश शर्मा, अजय,अजय मल्होत्रा, विक्की ,अजीत साहू,प्रवीण, दीपक ,अनीश शर्मा, दिशांत शर्मा,विजय,सौरभ,मान, बलदेव राज ,साहिल,सुनील जग्गी सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे।
आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर का भी आयोजन किया गया

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