बठिंडा 10 फरवरी (ब्यूरो) : परिजन अपने बच्चो को स्कूल बस में बच्चो की सुरक्षा के लिए भेजते है। लेकिन जब स्कूल वैन ड्राइवर इतना लापरवाह हो तो बच्चो की सुरक्षा कौन करेगा। ऐसा ही एक मामला सामने आया है।
बठिंडा के गांव कोठागुरु से,जहां एक चलती स्कूल वैन से दरवाजा खुला होने के कारण एक बच्ची गिर गई। जिसके बाद बच्ची अपनी बहन के पीछे भागी जिसे वैन में बैठे बच्चों ने देख लिया और उन्होंने गाड़ी के ड्राइवर को बताया जिसके बाद ड्राइवर ने गाड़ी रोकी और बच्ची को गाड़ी पर दोबारा बिठाया। गनिमियता यह रही कि पीछे से कोई वाहन नहीं आ रहा था। अगर पीछे से कोई बाहर आ रहा होता तो बड़ी घटना हो सकती थी। यह सारा मामला पास लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया।
इसमें क्या प्रशासन और स्कूल प्रबंधक जिम्मेवार नहीं है….
कई बार स्कूल की बहन हो बस हो या ऑटो हो। इनमें कम क्षमता होने के बावजूद भी बच्चों को 10 की जगह 15 बच्चों को बिठाया जाता है। कई बार प्रशासन द्वारा चेकिंग की जाती है तब भी यह पाया जाता है कि चाहे स्कूल वैन बस हो या ऑटो हो उसमें जरूरत से ज्यादा बच्चों को बिठाया जाता है। लेकिन प्रशासन और स्कूल प्रबंधक इस और कभी ध्यान नहीं देते जिससे इन सब मामलों को रोका जाए। कई बार प्रशासन इन पर नकेल कसने के लिए कुछ दिन नाकाबंदी कर इनके चालान काटते हैं लेकिन बाद में फिर वैसा का वैसा ही हो जाता है।