नगर निगम का सिस्टम हुआ फेल,इस वजह से स्कूलों में करनी पड़ी छुट्टी
जालंधर 25 अगस्त (ब्यूरो) : जालंधर शहर बीते दो दिनों से हुई बारिश ने एक बार फिर नगर निगम की असलियत सामने ला कर रख दी है। इस दो दिन की बारिश से शहर की गलियाँ, मुख्य सड़कें और चौराहे पानी में डूब गए। लोगों का साफ़ कहना है कि यह स्थिति न तो किसी बाढ़ की वजह से है और न ही किसी तूफ़ान की, यह सिर्फ़ और सिर्फ़ नगर निगम की नाकामी का नतीजा है।अब देखना यह होगा कि अगर कल बरसात होती है तो क्या 27 को भी स्कूलों में छुट्टी का ऐलान होगा या नहीं।

जालंधर में हालात ऐसे बन गए है कि मानो पूरा शहर जालंधर नहीं बल्कि जल के अंदर है। जगह जगह पानी इतना बढ़ गया कि ज़िंदगी थम सी गई। बारिश से सड़कों और मोहल्लों में पानी के स्तर को देखते हुए आज जालंधर के डिप्टी कमिश्नर को स्कूलों में छुट्टी घोषित करने पर मजबूर कर दिया। ऐसी नाकामी पहले कभी सामने नहीं आई कि सिर्फ़ बारिश की वजह से बच्चों की पढ़ाई रुक जाए।
लोगों ने कहा कि क्या बारिश के चलते हर बार होगी स्कूलों में छुट्टी
लोगों का कहना है कि क्या हर बारिश में बच्चों के स्कूलों में छुट्टी करने से शहर का विकास या पानी की समस्या हल हो पाएगी। क्या ऐसे में जालंधर “स्मार्ट सिटी” कहलाने लायक है। जहाँ लोगों को बाढ़ जैसे हालात में सड़कों पर दिख रहे है।
पिछली सरकारों से लेकर मौजूदा सरकार तक हमेशा वायदे ही किए गए है कि नगर निगम की हालत सुधारी जाएगी, पानी निकासी के लिए नई योजनाएं बनाई जाएँगी, लेकिन हक़ीक़त हमेशा वादों के उलट रही है।
आज जालंधर की सड़कों पर बहता पानी सरकार और नगर निगम की लापरवाही की एक ज्वलंत तस्वीर पेश कर रहा है। लोगों की गाड़ियाँ खराब हो रही हैं, घरों और दुकानों में पानी घुस गया है, बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। वहीं लोगों का कहना है कि जब न बाढ़ आई थी, न कोई प्राकृतिक आपदा, तो फिर हर बारिश में जालंधर जलमग्न क्यों हो जाता है? क्या यही शहर की सबसे बड़ी खुशनसीबी।
क्या अगर एक हफ्ता लगातार हुई बारिश तो पूरा हफ्ता रहेंगी छुटियां
जैसे दो दिनों की बारिश के बाद जालंधर शहर की सड़कों पर बारिश के जमा पानी के चलते छुट्टी कर दी है। तो क्या अगर रोजाना ही बारिश पड़ती रही और नगर निगम की अब तक की कारगुज़ारी को देख जाए तो सड़कों से पानी की निकासी कहीं भी नहीं है। तो ऐसे में क्या डीसी साहिब आज की तरह रोजाना छुट्टी के ऑर्डर देते रहेंगे। क्योंकि नगर निगम के पास ऐसा कोई भी समाधान नहीं है कि गालियां, मोहल्ले,सड़कों यहां तक कि हाइवे की प्रमुख सड़कों से बरसाती पानी की निकासी की जा सके ।


