भारत सूफ़िज़्म का गहवारा : पी एम मोदी,डॉ सूफी राज जैन ने किया दिल से शुक्रिया,पढ़े

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न्यूज नेटवर्क 1 मार्च (ब्यूरो) : सर्व धर्म ख्वाजा मंदिर के संस्थापक एवं अध्यक्ष, एवं सूफी इस्लामिक बोर्ड के नॉर्थ इंडिया वाइस प्रेसिडेंट डॉ. सूफी राज जैन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘जहान-ए-खुसरो’ के सिल्वर जुबली समारोह के उद्घाटन अवसर पर दिए गए विचारों के लिए उनका शुक्रिया अदा किया।

 

डॉ. सूफी राज जैन ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी जी का यह संदेश संपूर्ण मानवता के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने जिस तरह सूफी परंपरा, भारतीय संस्कृति और गंगा-जमुनी तहज़ीब का उल्लेख किया, वह समाज को प्रेम, सौहार्द और भाईचारे के साथ रहने की सीख देता है। भारत की महान परंपरा में कबीर भी हैं, रहीम भी हैं और रसखान भी, जिन्होंने हमेशा मानवता और समभाव का संदेश दिया।”

 

उन्होंने आगे कहा कि भारत की संस्कृति कभी भी भेदभाव में विश्वास नहीं करती, बल्कि सभी धर्मों को समान दृष्टि से देखती है। सूफी संतों ने सदैव प्रेम, करुणा और भाईचारे का संदेश दिया, और प्रधानमंत्री मोदी जी ने इसी भावना को आगे बढ़ाने का कार्य किया है, जो अत्यंत प्रशंसनीय है।

 

डॉ. सूफी राज जैन ने ‘जहान-ए-खुसरो’ जैसे प्रतिष्ठित सूफी संगीत समारोह के महत्व को भी रेखांकित करते हुए कहा कि यह मंच वर्षों से भारत की सूफी परंपरा को जीवंत बनाए हुए है। यह केवल संगीत का एक मंच नहीं, बल्कि विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों को जोड़ने का सेतु भी है।

इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा, “भारत की सूफी परंपरा ने अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। सूफी संतों ने खुद को सिर्फ मस्जिदों और खानकाहों तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उन्होंने कुरान के हर्फ़ पढ़े तो वेदों के शब्द भी सुने। उन्होंने अज़ान की सदा में भक्ति गीतों की मिठास को जोड़ा।”

 

प्रधानमंत्री ने भारत की सांस्कृतिक विविधता और सहिष्णुता की परंपरा को रेखांकित करते हुए कहा, “हमारा हिंदुस्तान जन्नत का वह बागीचा है, जहां तहज़ीब का हर रंग फला-फूला। यही वह धरती है, जहां कबीर भी मिले, रहीम भी मिले और रसखान भी मिले, जिन्होंने अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज में प्रेम, सौहार्द और भाईचारे का संदेश दिया।”

डॉ. सूफी राज जैन ने प्रधानमंत्री मोदी के इन विचारों को ऐतिहासिक और प्रासंगिक बताते हुए कहा कि यह संदेश समाज में आपसी भाईचारे और शांति को और अधिक सुदृढ़ करने में सहायक होगा। उन्होंने सभी नागरिकों से भी अपील की कि वे इसी भावना के साथ समाज में समरसता और सौहार्द बनाए रखें।

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