दहेज न मिलने पर बहु को बेटे और बहिन के सामने जिन्दा जलाया,चीखें और धधकती आग, समाज के लिए कड़ा सवाल
न्यूज़ नेटवर्क 25 अगस्त (ब्यूरो) : हमारे समाज में आज भी ऐसे लोग है जोकि दहेज के लिए अपनी बहुओं को तंग परेशां कर रहे है। जहाँ आज के समय में देश तरक्की की और बढ़ रहा है लेकिन समाज के कुछ ऐसे लोग भी है जोआज भी इस दहेज लोभी लोग चाँद पैसो के लिए भू को मार देते है। नया से ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहाँ निक्की नाम की बहू वो रो कर अपने दहेज लोभी ससुरालियों के सामने हाथ जोड़कर रहम की भीख मांग रही थी… लेकिन उन जालिमों का जरा सा भी दिल नहीं पसीजा। उसी घर में जहां किसी समय दुल्हन बनकर आई थी। उसके अपने ही लोग उसके दुश्मन बन गए। निक्की जो खुद मेहनत करके पार्लर चला रही थी। सपनों और उम्मीदों के साथ ससुराल में आई थी। मगर सपनों की दुनिया राख हो गई जब उस पर थिनर डालकर आग लगा दी गई।
उसकी जलती हुई चीखें सिर्फ इंसानियत ही नहीं बल्कि पूरे समाज के मुंह पर तमाचा हैं। जरा यह सोचिए उस मासूम बच्चे पर क्या बीती होगी जिसने अपनी आंखों के सामने अपनी मां को जलते देखा। वो तस्वीर उसके दिलो-दिमाग से शायद कभी नहीं मिटेगी।
दहेज और रिश्तों में एक और जिंदगी हो गई तबाह
शादी के 9 साल बाद भी निक्की का रिश्ता बच नहीं पाया। रोज़-रोज़ के झगड़े, लालच और अहम ने रिश्तों की नींव ही हिला दी। पति की मारपीट, सास-ससुर की बेरुखी और परिवार का लालच आखिरकार उसकी जिंदगी छीन ले गया। यह सिर्फ निक्की की कहानी नहीं है, बल्कि उस सोच का आईना है जहां पैसे और स्वार्थ को रिश्तों से बड़ा मान लिया जाता है।
बेटे और बहिन के सामने जिन्दा जलाया, एक हाथ से बनाई वीडियो दूसरे से बुझाता रहा आग
ग्रेटर नोएडा में दहेज हत्या का शिकार हुई निक्की का पांच साल का बेटा अब नाना के घर आ गया है। उसका कहना है कि पिता ने मां पर कुछ डालकर थप्पड़ मारा फिर लाइटर से आग लगा दी। पिता ने उसे भी थप्पड़ मारकर नीचे भेज दिया। रविवार को उसकी निगाह भीड़ के बीच मां को तलाश रही थी लेकिन भीड़ से केवल सहानुभूति मिल रही थी। वहीं बड़ी बहन कंचन को दर्द है कि वह उसी घर में थी लेकिन बहन को बचा नहीं सकी। इस दौरान कंचन ने एक हाथ से वीडियो बनाई और दूसरे हाथ से आग बुझाने लगी। आग की लपटों के बीच घिरी निक्की मदद के लिए सीढ़ियां उतरते हुए घर से बाहर पहुंची। इस मंजर को देख पड़ोसी भी सहम गए।
पारिवारिक कद्र गिरी
यह घटना हमें आईना दिखाती है कि आज परिवार और अपनेपन की अहमियत लगातार कम हो रही है। पति की जिम्मेदारियों का एहसास खत्म हो रहा है, लालच बढ़ रहा है और इंसान का जमीर जैसे मर चुका है।
क्या गिरफ्तारी से होगा कुछ बदलाव?
पुलिस ने आरोपी पति विपिन भाटी, सास, ससुर और जेठ को गिरफ्तार किया है। परिवार वाले फांसी और बुलडोज़र की मांग कर रहे हैं। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या गिरफ्तारी या सज़ा से समाज की सोच बदल जाएगी? शायद नहीं। कुछ महीनों बाद आरोपी जमानत पर बाहर होंगे, मामला कोर्ट में सालों तक लटकेगा और समाज एक और निक्की को खो देगा।


