आखिर कब है दिवाली 2025 कब करें लक्ष्मी-गणेश पूजन? कन्फ्यूजन करें खत्म,पूरी जानकारी एक जगह

Featured JALANDHAR NATIONAL Religious ZEE PUNJAB TV

आखिर कब है दिवाली 2025 कब करें लक्ष्मी-गणेश पूजन? कन्फ्यूजन करें खत्म,पूरी जानकारी एक जगह

न्यूज़ नेटवर्क 16 अक्टूबर (ब्यूरो) : इस साल 2025 में दिवाली को लेकर लोगो में काफी कन्फ्यूजन बना हुआ है। क्योंकि 20 और 21 कि दीपावली को लेकर लोग सोच रहे है कि इस बार काहिर किस दिन को माता लक्ष्मी गणेश पूजन किया जाये।

मुख्य निष्कर्ष (Main Highlight)

20 अक्टूबर 2025 (सोमवार) की रात को ही होगी मुख्य दिवाली पूजा।
यही दिन है प्रदोष-अमावस्या और निशीथकाल का संयोग, जो शास्त्रों के अनुसार सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
21 अक्टूबर को मनाएं गृह-उत्सव और पारिवारिक पूजा।

 

पंचांग अनुसार क्या है दिवाली की तिथि

तिथि अमावस्या (कार्तिक कृष्ण पक्ष)
दिनांक: 20 अक्टूबर 2025, सोमवार
चंद्र राशि: तुला
नक्षत्र: स्वाति
योग: सिद्धि योग
विशेष योग: प्रदोष-अमावस्या + निशीथकाल

दीपोत्सव कैलेंडर 2025

18 अक्टूबर 2025 – धनतेरस

शुभ खरीदारी मुहूर्त: दोपहर 12:15 – 1:30 व 2:30 – 4:15
यम दीपदान व पूजा: शाम 6:03 – रात 8:35
वृषभ काल: शाम 7:37 – रात 9:33

19 अक्टूबर 2025 – रूप चतुर्दशी (नरक चतुर्दशी)

लाभ-अमृत चौघड़िया: 10:15 – 3:15 दोपहर
शुभ चौघड़िया: 2:00 – 3:00 दोपहर

20 अक्टूबर 2025 – दिवाली (मुख्य लक्ष्मी पूजन)

लक्ष्मी-गणेश पूजन मुहूर्त: शाम 7:08 – रात 8:18
प्रदोष काल: शाम 5:46 – रात 8:18
वृषभ लग्न: रात 7:29 – 9:26
सिंह लग्न : रात 1:57 – 4:12

इस मुहूर्त में पूजा करने से घर में सुख, वैभव और स्थायी समृद्धि की प्राप्ति होती है।

21 अक्टूबर 2025 – दिवाली (गृह पूजा व उत्सव दिवस)

गोधूलि प्रदोष वेला: 6:00 – 8:33 शाम
वृषभ लग्न: 7:25 – 9:22 रात
सिंह लग्न: 1:53 – 4:08 रात्रि

22 अक्टूबर 2025 – गोवर्धन पूजा

लाभ-अमृत चौघड़िया: 7:00 – 9:00 सुबह

23 अक्टूबर 2025 – भाई दूज

अभिजीत मुहूर्त: 12:15 – 1:30 दोपहर
शुभ चौघड़िया: 5:00 – 6:00 शाम

शास्त्रीय मत के अनुसार

“अमावास्यायां तु प्रदोषकाले दीपदानं विशेषतः।
लक्ष्म्यै च विधिवद् पूजां धनधान्यप्रदं स्मृतम्॥”

अर्थ: अमावस्या के प्रदोषकाल में दीपदान और महालक्ष्मी पूजन करने से धन-धान्य, सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

निष्कर्ष

20 अक्टूबर 2025 की रात महारात्रि, प्रदोष-अमावस्या, निशीथकाल और सिद्धि योग का अद्भुत संगम।
यही दिन मुख्य महालक्ष्मी-पूजन का है।
21 अक्टूबर को करें उत्सव, सजावट और पारिवारिक पूजा।

इस बार की दिवाली केवल दीपों का त्योहार नहीं, बल्कि शुभ योगों का दिव्य संगम है।
20 अक्टूबर की रात लक्ष्मी-गणेश पूजन करना ही शास्त्रसम्मत व फलदायी रहेगा।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *