23 अगस्त को शनि अमावस्या : भूलकर भी न करें ये गलतियां,पढ़े
न्यूज़ नेटवर्क 21 अगस्त (ब्यूरो) : भाद्रपद मास की अमावस्या इस बार बेहद खास होने वाली है। साल 2025 में यह अमावस्या शनिवार, 23 अगस्त को पड़ रही है। जब अमावस्या का दिन शनिवार को आता है तो इसे शनिश्चरी अमावस्या कहा जाता है। यह दिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि दोष, साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति पाने के लिए अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण माना जाता है।
शनि देव कर्मफल दाता ग्रह हैं और व्यक्ति के अच्छे-बुरे कर्मों के आधार पर ही उसका भविष्य तय करते हैं। इसी कारण शनि अमावस्या के दिन की गई छोटी-सी गलती भी व्यक्ति के जीवन पर बड़ा असर डाल सकती है। धार्मिक मान्यताओं में कहा गया है कि इस दिन कुछ विशेष कार्य करने से जीवनभर पछताना पड़ सकता है।
क्यों मानी जाती है अमावस्या की रात खौफनाक
अमावस्या की रात को चंद्रमा पूर्ण रूप से लुप्त हो जाता है। ऐसे समय में वातावरण में नकारात्मक ऊर्जाएं सक्रिय हो जाती हैं। शास्त्रों में इसे “खौफनाक रात” कहा गया है। यही कारण है कि इस दिन विशेष सावधानियां बरतने और शुभ कर्म करने की सलाह दी जाती है।
शनि अमावस्या पर न करें ये गलतियां
देर तक सोना मान्यता है कि इस दिन आलस्य से दूर रहना चाहिए। सुबह देर तक सोने से सौभाग्य दुर्भाग्य में बदल सकता है।
बाल और नाखून काटना इस दिन बाल और नाखून कटवाना अशुभ फल देता है। ऐसा करने से घर में दरिद्रता और अशांति आने की आशंका रहती है।
गरीब और जरुरतमंद को न भगाएं – यदि इस दिन कोई मजदूर, गरीब, कुत्ता या कौवा घर के द्वार आए तो उन्हें अपमानित न करें। इन जीवों पर शनि की विशेष कृपा रहती है। इनकी सेवा या मदद करना अत्यंत शुभ होता है।
नमक, तेल और लोहा न खरीदें अमावस्या पर इन वस्तुओं की खरीदारी धन हानि और आर्थिक संकट ला सकती है।
सुनसान स्थानों पर न जाएं अमावस्या की रात श्मशान, कब्रिस्तान या निर्जन जगहों पर जाने से बचना चाहिए, क्योंकि यह समय नकारात्मक ऊर्जाओं का होता है।
नशा और मांसाहार से बचें इस दिन नशे, मांसाहार या तामसिक भोजन का सेवन करने से पितरों की कृपा नहीं मिलती और शनि देव अप्रसन्न हो जाते हैं। किसी को दुख न दें इस दिन भूलकर भी किसी को कष्ट, अपमान या दुख न दें। ऐसा करने से शनि दोष और पितृ दोष लगता है। पेड़-पौधों की कटाई-छंटाई न करें धार्मिक मान्यता है कि इस दिन ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद नहीं मिलता और घर में बाधाएं बढ़ती हैं।
शनि अमावस्या 2025 की तिथि और समय
अमावस्या तिथि प्रारंभ: 22 अगस्त 2025, शुक्रवार को सुबह 11:55 बजे
अमावस्या तिथि समाप्त: 23 अगस्त 2025, शनिवार को सुबह 11:35 बजे
इस प्रकार शनि अमावस्या का पूजन और दान-पुण्य 23 अगस्त, शनिवार को करना सर्वश्रेष्ठ रहेगा।
क्या करें इस दिन?
इस पावन दिन पर दान-पुण्य का विशेष महत्व है। जरुरतमंदों को भोजन कराना, तिल, तेल, काला कपड़ा और काले तिल का दान करना, पीपल के पेड़ की पूजा करना और शनि मंत्रों का जप करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही, पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।


