60 लाख की पंजाब निर्माण प्रोग्राम के अधीन ग्रांट हड़पने के बावजूद भी विजिलेंस से जांच नहीं करवा रही आप सरकार

गौरव, जालंधर
जालंधर के उत्तरी हलके में 60 लाख की ग्रांट से बनने वाले कम्युनिटी हाल की राशि में प्रशासन द्वारा गड़बड़ी सामने आने के बावजूद भी आप सरकार विजिलेंस से जांच नहीं करवा पा रही है बल्कि उल्टा अब पत्रकारों से अपराधियों को पकड़ने के लिए सहारा मांग रही है। इससे साफ जाहिर है कि विजिलेंस विभाग सहित प्रशासनिक विभाग के आला अधिकारी अपनी ड्यूटी में कोताही बरतते दिख रहे हैं। ऐसे में अब क्षेत्र के लोगों द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों सहित आम आदमी पार्टी के उच्च नेताओं पर भी मामले को दबाने की आशंका जताई जा रही है। गौरतलब हो कि पूर्व विधानसभा चुनावों से ठीक पहले जालंधर उत्तरी हलके के विधायक बाबा हेनरी ने अपने पार्षद विक्की कालिया एवं दीपक शारदा के वार्ड में 60 लाख से कम्युनिटी हॉल के निर्माण के लिए विभिन्न 6 सोसायटियों को ग्रांट जारी की गई थी। हालांकि नगर निगम जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन द्वारा जांच के बाद गड़बड़ पाई गई और एफआईआर की गई। परंतु दोषियों को अब तक पकड़ा नहीं गया। पुलिस की ढीली कार्यप्रणाली के बावजूद भी आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा इस मामले में विजिलेंस को शामिल नहीं किया जा रहा है जिसके चलते तथाकथित सरेआम घूम रहे हैं। बुधवार को जब पत्रकारों की ओर से इस संबंधी मामले को लेकर पुलिस कमिश्नर व डीसीपी जगमोहन से बात की गई तो उन्होंने उल्टा पत्रकारों को तथाकथित दोषियों के बारे में बताने को कह दिया और कहा कि आप पत्रकार हो आप बताएं कि तथाकथित व्यक्ति कहा मौजूद है हम पकड़ लेंगे । पुलिस एवं प्रशासनिक आला अधिकारियों को नाम दर्ज तथाकथित संबंधी पूरी जानकारी है लेकिन इसके बावजूद भी तमाम अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं।

उधर, इस संबंध में भाजपा के पूर्व विधायक केडी भंडारी ने प्रशासन एवं आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सब मिलीभगत के कारण मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि कुछ आम आदमी पार्टी के नेताओं का भी हाथ हो जिसके कारण जांच में विलंब हो रहा है।

पत्रकारों का भी उठ रहा प्रशासन से विश्वास-
पत्रकारों की ओर से जब पुलिस कमिश्नर और डीसीपी जगमोहन से इस मामले संबंधी पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पत्रकार उन्हें बताएं कि वह कहां है ? जालंधर पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों की बात सुनकर पत्रकारों को यह बात कुछ हजम नहीं हुई और जिसके चलते अब पत्रकारों का भी ऐसे मामले को देखकर प्रशासनिक अधिकारियों से विश्वास उठने लगा है। इस संबंध में जब शिकायतकर्ता पूर्व बीजेपी विधायक के डी भंडारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि तथाकथित दोषी सरेआम शहर में घूम रहे है पर पुलिस तथाकथित दोषियों को गिरफ्तार नही कर रही है। उन्होंने यह भी दोष लगाया कि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की मिलीभगत के कारण आरोपी पुलिस गिरफ्त से बाहर है। अगर प्रशासनिक अधिकारी ही मामले को संघीनता से नहीं लेंगे तो फिर आम जनता प्रशासनिक अधिकारियों से इंसाफ के उम्मीद कैसे करेगी..!

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