जालंधर 15 अप्रैल (ब्यूरो) : जालंधर में होने वाले लोकसभा उपचुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टी सर गरम है।जिसके चलते रोजाना ही सभी राजनीतिक पार्टी में आना जाना लगा हुआ है।
कभी कोई भाजपा छोड़ता है, कभी कांग्रेसी छोड़ता है,तो कभी आप छोड़ता है। यह इस चुनाव को लेकर एक आम बात हो चुकी है।
10 अप्रैल को करतारपुर में आम आदमी पार्टी की ओर से एक रैली का आयोजन किया गया जिसमें पंजाब के मुख्यमंत्री भगवान सिंह मान विशेष तौर से पहुंचे। जहां उन्होंने रैली में पहुंचने से पहले कांग्रेस के करतारपुर हल्का से पूर्व विधायक सुरिंदर चौधरी को आम आदमी पार्टी ज्वाइन करवाई। जिसे अभी करीब एक हफ्ता भी पूरा नहीं हुआ था, कि सुरिंदर चौधरी ने जिस कांग्रेस को छोड़ा था। उसी में दोबारा अपने घर वापसी कर ली। आज जालन्धर में प्रताप सिंह बाजवा द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह जानकारी दी गई कि सुबह का भूला शाम को वापस आ जाए उसे भूला नहीं कहते। हालांकि उस कॉन्फ्रेंस और रैली के दौरान दोनों समय ही सुरिंदर चौधरी कुछ नहीं बोले, दोनों बार ही सुरिंदर चौधरी ने चुप्पी साधे रखी।
एक हफ्ते में ऐसा क्या हुआ चौधरी के साथ?
सुरिंदर चौधरी ने जिस दिन आम आदमी पार्टी का झाड़ू थामा था। उस दिन से लेकर आज तक सुरिंदर चौधरी की ओर से कोई भी बात नहीं की गई, ना ही आम आदमी पार्टी में शामिल होने की और ना ही कांग्रेस को छोड़ने की।
प्रताप सिंह बाजवा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आम आदमी पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए कई खुलासे किए चाहे वह बठिंडा जेल से कैदियों की वीडियो जेल में व्यवस्था न होने का मामला या फिर लॉरेंस बिश्नोई का जेल के अंदर से एक निजी चैनल को इंटरव्यू देने का।
क्या बाकी भी बागी हुए नेता वापिस आएंगे
आने वाले समय में यह देखना होगा कि क्या इस चुनाव से पहले जो बागी हुए नेता कांग्रेस को छोड़कर आम आदमी पार्टी में शामिल हुए हैं,क्या वह भी अपने घर वापसी करेंगे या फिर वहां बैठकर इस चुनाव को लड़ेंगे।