जालंधर 4 सितंबर (ब्यूरो) : आज के समय में जहां एक और स्कूलों से लेकर समाज सेवी संस्थाएं लोगों और बच्चों को यह कहते हैं कि पौधे लगाओ और पेड़ लगाओ। लेकिन इसके बावजूद बरसों पुराने पेड़ों को काटा जा रहा है।
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एक और सरकार कहती हैं कि पेड़ लगाने से हमारे शहरों और गांव का वातावरण बदलता है। ऐसा ही एक मामला जालंधर सिविल अस्पताल से सामने आया है। जहां सिविल सर्जन ऑफिस के बाहर कई वर्षों पुराने पेड़ों को काटा गया है। जिसको देख कई वर्षों से वहां काम करने वाले लोगों की जहां आंखें नम हो गई। वहीं उन्होंने कहा कि यह वर्षों पुरानी पेड़ों की हत्या की गई है।
इस बारे में बातचीत करते हुए सिविल अस्पताल से रिटायर्ड अवतार सिंह जिन्होंने वहां पर 40 वर्ष नौकरी की है। उन्होंने कहा कि जब उनको इस बारे में पता चला तो उनकी जहां आंखें नम हुई वहीं दिल भी पसीज गया। क्योंकि 40 वर्षों से वह इन पेड़ों को देख रहे हैं। यह कोई साधारण पेड़ नहीं थे यह फल दायक पेड़ थे।
उन्होंने कहा कि यहां पर जो नया निर्माण क्रिटिकल केयर सेंटर होना है। उसके दो नक्शे बनाए गए थे। जिसमें एक नक्शा ऐसा था कि उसमें पेड़ काटने की नौबत भी नहीं आनी थी। लेकिन बावजूद इसके वही नक्शा चुना गया जिसमें पेड़ों को काटना पड़ा। उन्होंने सरकार से गुजारिश करते हुए कहा कि एक तरफ पेड़ लगाने की बात कर रहे हैं वहीं सरकार इन पेड़ों को क्यों कटवा रही हैं।
वहीं दूसरी और वहां मौजूद रघुवीर लाल ने कहा कि जैसे मनुष्य की हत्या करना एक पाप है वैसा ही पेड़ को काटना भी बहुत बड़ा जुर्म है। यहां जो बनी बाउंड्री लाइन है उसको तोड़कर भी इस निर्माण को किया जा सकता था। लेकिन दीवार को नहीं तोड़ा गया पेड़ों को काटकर उनकी हत्या कर दी गई है।
वहीं इस बारे में जब सिविल सर्जन से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यहां पर एक नया मॉडर्न अस्पताल कारिटिकल केयर सेंटर बनाया जा रहा है। जिसको लेकर यह पी डब्लू डी और जंगलात विभाग के साथ वार्तालाप कर यह पेड़ों को काटा गया है।