“इन्द्रियार्थेषु वैराग्यम नहंकार एव च ।जन्ममृत्युजराव्याधि दुःखदोषानुदर्शनम्”

अपने पितरों के मंगल कल्याण के लिए तथा स्वयं के भगवत सेवा व भागवत प्रेम प्राप्ति के लिए शुद्ध संतो के मुखारविंद से इस परम पवित्र ग्रंथ को श्रवण व मनन करना चाहिए।

श्री श्रीमद् भागवत कथा रस धारा एवं श्री हरिनाम संकीर्तन  पितृपक्ष के उपलक्ष्य में श्री राधा गोविंद देव मंदिर मंडी रोड जालंधर के प्रांगण में जो कि निरंतर 10- 9 -2022 से 25-9- 2022 तक रात्रि 7:30 से 9:30 तक चल रहा है। जिसमें अखिल भारतीय श्री चैतन्य गौड़ीय मठ के प्राकतन आचार्य नित्य लीला प्रविष्ट ऊं विष्णुपाद् 108 त्रिदंडी स्वामी पूज्य पाद श्रील भक्ति बल्लभ तीर्थ गोस्वामी महाराज जी के गृहस्थ शिष्य श्री रोहिणी नंदन दास प्रभु जी ने कथा करते हुए भगवान श्री कृष्ण जी द्वारा कहे गए वचनों का सारांश बताते हुए कहा कि

“इन्द्रियार्थेषु वैराग्यम नहंकार एव च ।
जन्ममृत्युजराव्याधि दुःखदोषानुदर्शनम्” ।।

पंच भौतिक शरीर वाले इंसान को इस लोक और परलोक के सम्पूर्ण भोगों में आसक्ति का अभाव और अहंकार का भी अभाव, जन्म, मृत्यु, जरा और रोग आदि में दुःख और दोषों का बार-बार विचार करना चाहिए।।

“श्रीभगवानुवाच इदं शरीरं कौन्तेय क्षेत्रमित्यभिधीयते ।
एतद्यो वेत्ति तं प्राहुः क्षेत्रज्ञ इति तद्विदः”

अर्थात श्री भगवान कृष्ण चन्द्र बोले- हे अर्जुन! यह शरीर ‘क्षेत्र’ (जैसे खेत में बोए हुए बीजों का उनके अनुरूप फल समय पर प्रकट होता है, वैसे ही इसमें बोए हुए कर्मों के संस्कार रूप बीजों का फल समय पर प्रकट होता है, इसलिए इसका नाम ‘क्षेत्र’ ऐसा कहा है) इस नाम से कहा जाता है और इसको जो जानता है, उसको ‘क्षेत्रज्ञ’ इस नाम से उनके तत्व को जानने वाले ज्ञानीजन कहते हैं॥1॥

कार्यक्रम का प्रारंभ सदानंद दास प्रभु एवं पुजारी भगवान दास प्रभु ने श्री गुरुवंदना, वैष्णव वंदना,पंच तत्व संकीर्तन से किया।

सनातन दास प्रभु ने ‘ एमन दुर्गति संसार भितरे, पडि़या आछिनु अमि। तव निज-जन-कोन महाजन पठाइया दिले तुमि ।।
आरे भाई!  भज मोर गौरांग चरण ना भजिया मैनु दुखे, डुबि गृह- विषे – कूपे।।
आदि गौड़िय वैष्णव भजनों के कृष्णमय रसधारा में बहने पर सबको विवश कर दिया।

शुकदेव दास प्रभु ने ‘ राधे जय जय माधव दयिते’ पद गान किया।

सदानंद प्रभु ने ‘हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे,हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ‘महामंत्र संकीर्तन  किया।

इस मौके पर मदनमोहन दास प्रभु,मनोज
गुप्ता,अमित गुप्ता,राकेश कुमार,रवि कुमार,सर्वानंद दास,वृन्दावन चंद्र दास, अनिकेत कुमार,हिमांशु,संजय गुप्ता, प्रोमिला शर्मा,प्राची शर्मा, गौरिका,सीता देवी,रजनी कालिया,नंद रानी दासी,प्रेम गुप्ता,बबिता शर्मा,तुलसी दासी, शिव्या आदि उपस्थित हुए।
तदुपरांत मंदिर की ओर से सुस्वादु प्रसाद (भंडारा) वितरित किया गया।

मंदिर के प्रमुख सेवक सदानंद दास प्रभु ने बताया कि श्रीमद्भागवत पाठ 25.09.2022 तक नित्य प्रति सायं 07.30 से 09.30 बजे तक मंदिर में होगा। 

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