भारतीय संविधान के प्रति निष्ठाहीन की भावना रखने वालों पर किया जाए देशद्रोह का मामला दर्ज

जालंधर की पांच संस्थाओ ने आज एक प्रैस वार्ता की। जिनमे अम्बेडकराईट लीगल फोरम, एडवोकेट फॉर फार्मर एंड लेबररस, शहीद भगत सिंह यगं लायरस फोरम, मुस्लिम संगठन, पंजाब और डायनामिक लीगल ग्रुप शामिल हैं,

सभी ने मिलकर जालंधर के प्रेस क्लब में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जिसमें उन्होंने भारतीय संविधान के होते हुए उसकी प्रस्तावना के विपरीत अलग से “हिन्दू राष्ट्र के संविधान” का मसौदा तैयार करने वालों और भारतीय संविधान प्रति निष्ठाहीनता की भावना रखने वालों पर देश द्रोह का मामला दर्ज करने, उनकी नागरिकता खत्म करने और सख्त से सख्त कानूनी कार्यवाही के लिए राष्ट्रपति जी से मांग की ।

अम्बेडकराईट लीगल फोरम के प्रधान, एडवोकेट प्रितपाल सिंह, एडवोकेट फॉर फार्मर एंड लेबररस के प्रधान एडवोकेट गुरजीत सिंह काहलों, मुस्लिम संगठन पंजाब के प्रधान एडवोकेट नईम खान, शहीद भगत सिंह यगं लायरस फोरम के प्रधान युवराज सिंह और डायनामिक लीगल ग्रुप से विशाल वड़ैच ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से संयुक्त रूप से कहा कि भारत के प्रमुख अख़बारों और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में प्रमाणिक रूप से यह खबर प्रकाशित हुई है कि तिथि 13.08.2022 को वाराणसी स्थित शंकराचार्य परिषद् के अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरुप ने कहा कि अब शाम्भवी पीठाधीश्वर के संरक्षण में 30 लोगो के समूह द्वारा भारत के संविधान का मसौदा तैयार किया जा रहा है, जिसके 750 पेज होंगे । जिसमें भारत में मौजूदा व्यवस्थाओं के होते हुए अलग से रक्षा, क़ानून और मतदान की व्यवस्था की जाने की बात की गयी और जिसमें मुसलमानों और ईसाईयों को मत डालने का अधिकार नहीं होगा । भारत जो की एक धर्मनिरपेक्ष देश है और जहाँ पर सभी धर्म के लोगो को सामान अधिकार है । ऐसा करके यह सब विशेष धर्म को सर्वोच्च और हिन्दू राष्ट्र बनाने की कोशिश कर रहे हैं जोकि भारतीय संविधान की प्रस्तावना के विपरीत हैं । इसमें यह लोग भारत की मौजूदा संसद के होते हुए अलग से संसद बनाने की बात कर रहे है, जो कि मौजूदा संसद का अपमान है। इसमें यह लोग भारत की मौजूदा राजधानी नई दिल्ली को भी बदलकर वाराणसी को नई राजधानी बनाने की बात कर रहे है जिसका इन्हे कोई अधिकार ही नहीं है । इसमें यह लोग सब कुछ वर्ण व्यवस्था के आधार पर करने की बात कर रहे है जो कि भारत के मौजूदा संविधान के विपरीत है। इसी आधार पर इनके द्वारा प्रयागराज में होने वाले माघ मेले-2023 में आधा संविधान (करीब 300, पेज) जारी किया जा रहा है।
मसौदा समिति के संरक्षक स्वामी आनंद स्वरूप, शाम्भवी पीठाधीश्वर और शंकराचार्य परिषद के अध्यक्ष हैं। इसमें कामेश्वर उपाध्याय, अध्यक्ष, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता बीएन रेड्डी, रक्षा विशेषज्ञ आनंद वर्धन, सनातन धर्म के विद्वान चंद्रमणि मिश्रा, डॉ विद्या सागर आदि शामिल हैं।
उपरोक्त लोगो द्वारा सर्वोच्च भारतीय संविधान के होते हुए अलग से विपरीत “हिन्दू राष्ट्र के संविधान” का मसौदा तैयार करके भारतीय संविधान के प्रति निष्ठाहीनता की भावना दर्शाई है । ऐसा होने से भारत जो की पूरे विश्व में एक धर्म निरपेक्ष होने की वजह से जाना जाता है उसकी प्रतिष्ठा पर धब्बा लग जायेगा और सम्पूर्ण विश्व में भारतीयों का सर शर्म से झुक जायेगा। ऐसा होने से भारत जहाँ की सभी धर्म और जातियों के लोग सामान अधिकार से रहते है उनमें आपस में धार्मिक द्वेष की भावना जन्म ले लेगी और भारत एक गृह युद्ध की तरफ चला जायेगा और दंगे भड़क सकते है । ऐसा करके यह लोग एक धार्मिक आतंकवाद को जन्म दे रहे है, जोकि भारतीय समाज के लिए एक बड़ा खतरा है । उपरोक्त लोगो ने ऐसा करके बिना किसी अधिकार के भारतीय संविधान की मूल भावना, भारतीय संविधान में मौजूद प्रावधानों और भारतीय कानूनों में मौजूद प्रावधानों की उल्लंघना करके घोर अपराध किया है । इस सम्बन्ध में सभी संस्थाओं ने संयुक्त रूप से उक्त लोगों पर कानूनी कार्यवाही करने के लिए तिथि 07.09.2022 को संयुक्त रूप से डिप्टी कमिश्नर के माध्यम से भारत के माननीय राष्ट्रपति जी को एक ज्ञापन दिया और जालंधर के माननीय पुलिस कमिश्नर को लिखित शिकायत भी दर्ज कराई है।
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सभी पांच संस्थाओं ने राष्ट्रपति जी से यह मांग की है कि उक्त लोगों पर भारतीय संविधान की प्रस्तावना के विपरीत अलग से “हिन्दू राष्ट्र के संविधान” का मसौदा तैयार करने के लिए और भारतीय संविधान प्रति निष्ठाहीनता की भावना रखने वालों पर देश द्रोह का मामला दर्ज करके और उनकी नागरिकता खत्म करके इन पर सख्त से सख्त कानूनी कार्यवाही की जाए।
इस मौके पर एडवोकेट राजिंदर सिंह मंड, एडवोकेट इंदरजीत सिंह, एडवोकेट राजू अम्बेडकर, एडवोकेट मधु रचना, एडवोकेट राजकुमार बैंस, एडवोकेट राजीव रतन, एडवोकेट करन खुल्लर, एडवोकेट सनी कॉल, एडवोकेट जगजीवन, एडवोकेट हरप्रीत, एडवोकेट बलबीर कुमार, एडवोकेट कुलदीप भट्टी, धीरज कुमार, किरण, अंजलि और अन्य सभी एडवोकेट मौजूद थे।

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