जालंधर : क्या आपने भी खाया है इस विदेशी महिला के हाथ का साग

जालंधर 15 मार्च (बृजेश शर्मा) :
विदेशो में जाने की चाह तो हर किसी को होती है। कोई विदेश जाकर अपने माँ बाप को भूल जाता है। तो कई ऐसे बच्चे भी होते है। जो खुद तो विदेश में चले जाते है लेकिन अपने माँ बाप को कभी नही भूलते। जालंधर में ऐसी एक माँ है जिसने अपने बच्चो को साग बेच कर विदेश में भेजा था।

तो अब वो माँ भी कई देश घूम चुकी है। जसविंदर कौर अब गर्मियों में विदेश जाती है। और सर्दियों में यहां जालंधर वापिस आ जाती है। क्योंकि सर्दियों के मौसम में पंजाब के लोग साग के शौकीन होते है । साथ ही जसविंदर से साग खाने के पक्के ग्राहक लगे हुए है। जो इनका इंतजार करते रहते है। कि साग वाले आंटी कब आएंगे और हमे साग खिलाएंगे।अब तो उनका नाम एनआरआई साग वाली ऑन्टी के नाम से मशहूर हो गया है।
जसविंदर कौर ने बताया कि उनको साग बेचते हुए करीब 50 साल हो गए है। जब उन्होंने यह काम शुरू किया था। तब साग की कीमत 2 आने का एक किलो होता था। जसविंदर कौर का पति शिंगारा राम पहले रबड़ की फैक्ट्री में काम करता था। जिसके बाद वह भी एक साल विदेश में जाकर आये थे।

जसविंदर ने अपने बच्चो की सारी परवरिश साग बेच कर ही की है। अपने बच्चो की पढ़ाई करवाकर बड़े बेटे की शादी करवाने के बाद उनको 2008 में विदेश भेज दिया था। बेटे और बहू दोनो ने एम ए की हुई है। जिसके बाद बहु के सात बैंड आने के बाद दोनों विदेश चले गए।

उनके विदेश जाने के बाद 2012 में उन्होंने मुझे भी अपने पास ऑस्ट्रेलिया बुला लिया। अब तक करीब 5 से 6 देशो की यात्रा मेरे बेटे ने मुझे करवा दी है। अब भी बस यहां पर साग का सीजन खत्म हो गया है। अब बस कुछ समय तक वापिस अपने बच्चो के पास चले जाउंगी। जब भी मैं विदेश जाती हूं। तो अपनी बहू को काम नही करने देती उनको बस अपने हाथ से बना खाना खिलाती हू। मुझे विदेश में जाते हुए करीब 8 साल हो गए है। 2 साल कोरोना काल की वजह से नही जा पाई हूं। लेकिन इस साल दोबारा से ऑस्ट्रेलिया अपने बच्चो के पास जाउंगी।

क्या आपका मन नही करता अपने बच्चो के पास रहने का

जब जसविंदर कौर से यह पूछा गया तो उन्होंने बताया कि बच्चे तो कई बार कह चुके है। कि माँ आप हमेशा के लिए हमारे पास आ जाओ।और यह साग का कारोबार बंद कर दो। लेकिन जो मेरे हाथ का साग खाने के आदि हुए पड़े है। उनको कैसे छोड़ सकती हूं। क्योंकि लोग सर्दियों के मौसम में मेरे आने का इंतजार करते रहते है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *