चैतन्य महाप्रभु श्री राधा गोकुल बिहारी मंदिर पठानकोट में मनाया गया श्री राधा अष्टमी प्रकट उत्सव

जालंधर 5 सितंबर (बृजेश शर्मा) : श्री चैतन्य महाप्रभु श्री गोकुल बिहारी मंदिर  (मठ) घो जुगियाल रोड़ में श्रीमती राधा रानी जी का प्रकट उत्सव मठ रक्षक 108 त्रिड़डी स्वामी भक्ति शरण परमहंस महाराज जी के सानिध्य में बड़ी ही धूमधाम से मनाया गया।
महाराज श्री ने राधा रानी जी के बारे में बताते हुए कहा कि श्रीमति राधा रानी जी के माता पिता का नाम वृषभानु एवं कीर्ति था‌। इनका आविर्भाव रावल धाम जिला मथुरा में हुआ।
महाराज श्री बताते हुए कहा कि श्री राधा रानी अहृलादिनी शक्ति है और भगवान श्रीकृष्ण की सेवा -सूश्रीया प्राप्ती का एक मात्र आधार है।

पटियाला से आए हुए गोडि़य सेवक देवकी नंदन (कथावाचक) जी ने कहा कि अगर हम राधा नाम का स्मरण करते हैं तो ठाकुर जी की सेवा मिल जाती है।

इस मौके पर जालंधर से विशेष तौर से पधारे गौड़िय मठ आश्रित शिष्य रोहिणी नंदन दास प्रभु जी ने कहा कि साल में केवल एक ही दिन श्रीमती राधा रानी के चरण दर्शन होते है और बताते हुए कहा कि राधा रानी जी ने अपने कोमल नेत्र तब तक नहीं खोले जब तक भगवान श्री कृष्ण उनके सामने नहीं आए।

जालंधर से आए हुए गौड़िय मठ आश्रित शिष्य सनातन दास प्रभु ने श्री हरिनाम संकीर्तन करते हुए राधे जय जय माध्व दयिते , वृंदावन की गोपी वेद पढ़ें न पोथी जपे जा कृष्ण मुरार रटे जा राधे राधे का गुणगान किया । खास बात यह रही कि आज श्रीमती राधा रानी को 101 पकवानों का भोग अर्पित किया गया।

इस मौके पर जोगेश्वर प्रभु (वृजवासी) ने बताया कि अष्ठ सखियों में श्रीमती राधारानी ही शिरोमणि हैं।

इस श्री हरिनाम रसधारा में आए हुए भक्तों में रास बिहारी प्रभु, रवि कुमार ,श्रीधर प्रभु, मोहन प्रभु (पुजारी), संजना, बबीता शर्मा, रजनी कालियापूजा,अनुराधा ,अंजु, रानी,अनीता आदि उपस्थित हुए।,तदोपरांत आए हुए भक्तों के लिए सुस्वादु भगवत प्रसाद् का आयोजन किया गया। 

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