ईश्वर का महान प्रसाद है मानव जीवन : नवजीत भारद्वाज

जालंधर 17 नवंबर (ब्यूरो) : मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नजदीक लम्मां पिंड चौक में मां बगलामुखी जी के निमित्त श्रृंखलाबद्ध दिव्य हवन यज्ञ का आयोजन मंदिर परिसर में किया गया।
मां बगलामुखी धाम के संचालक एवं संस्थापक नवजीत भारद्वाज की देख रेख में किया गया।सर्व प्रथम मुख्य यजमान सौरभ अरोडा से वैदिक रीति अनुसार गौरी गणेश, नवग्रह, पंचोपचार, षोडशोपचार, कलश, पूजन उपरांत ब्राह्मणों ने आए हुए सभी भक्तों से हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई ।

 

मां बगलामुखी जी के निमित्त भी माला मंत्र जाप एवं हवन यज्ञ में विशेष रूप आहुतियां डाली गई। हवन-यज्ञ की पूर्णाहुति के उपरांत नवजीत भारद्वाज ने आए हुए भक्तों से अपनी बात कहते हुए कहा कि क्या वाक़ई सब कुछ इश्वर की मर्जी से होता है, अगर ऐसा ही होता तो फिर कर्म का क्या महत्व रह जाता। महाभारत के युद्ध में जब कृष्ण ने अर्जुन से कहा की तू कर्म कर, जो कर्तव्य सामने खड़ा है उसे समझ और निभा तो उन्होंने यह नहीं कहा की सब इश्वर पे छोड़ यह उसकी मर्ज़ी है। शायद जो और जैसे हमारे कर्म होते हैं उसी के अनुसार हमारा जीवन ढलता जाता है। लेकिन आप स्वतन्त्र हैं अपने जीवन को उत्थान के पथ पे ले जाने के लिएऔर यह हमारे कर्म ही हैं जो हमारे जीवन को सही या ग़लत दिशा में ले जाते हैं और यह ईश्वर की मर्ज़ी नहीं बल्कि अपनी स्वतंत्रता पर निर्भर करता है। नवजीत भारद्वाज ने आगे फरमाया कि ईश्वर का महान प्रसाद है मानव जीवन ।

हमारे भीतर अनन्त की शक्ति है, अनन्त आनन्द का श्रोत है। आत्मा के अंदर अन्तरात्मा रूप से ईश्वर ही विराजमान है। आवश्यकता है आध्यामिक ज्ञान की, स्वर्वेद सद्ज्ञान की, विहंगम योग के ध्यान की, जिसके आलोक में एक साधक का जीवन सर्वोन्मुखी विकास होता है।

नवजीत भारद्वाज ने आगे फरमाया कि ईश्वर का महान प्रसाद है मानव जीवन । हमारे भीतर अनन्त की शक्ति है, अनन्त आनन्द का श्रोत है। आत्मा के अंदर अन्तरात्मा रूप से ईश्वर ही विराजमान है। आवश्यकता है आध्यामिक ज्ञान की , स्वर्वेद सद्ज्ञान की, विहंगम योग के ध्यान की, जिसके आलोक में एक साधक का जीवन सर्वोन्मुखी विकास होता है।

नवजीत भारद्वाज ने बताया कि 19 नवंबर रविवार को मां बगलामुखी धाम में तुलसी माता शालिग्राम जी के विवाह का आयोजन मंदिर परिसर में किया जा रहा है उन्होंने सभी धर्म प्रेमी जन से इस सु-अवसर पर प्रभु आशिर्वाद ग्रहण करने का अनुरोध किया और सपरिवार, मित्रगण संबंधियों सहित विवाह महोत्सव में सम्मिलित होने का आवाहन किया।

इस अवसर पर इस अवसर पर राकेश प्रभाकर बलजिंदर सिंह, अमरजीत सिंह,वावा जोशी, नवदीप,उदय,अजीत कुमार,गुलशन शर्मा, अश्विनी शर्मा धूप वाले, मुनीश शर्मा, दिशांत शर्मा,अमरेंद्र शर्मा, मानव शर्मा, बावा खन्ना, विवेक शर्मा, शाम लाल, एडवोकेट राज कुमार, अभिलक्षय चुघ,सुनील,राजीव, राजन शर्मा, प्रिंस, ठाकुर बलदेव सिंह, अजीत साहू,प्रवीण, दीपक ,अनीश शर्मा, साहिल,सुनील जग्गी सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। आरती उपरांत प्रसाद रूपी विशाल लंगर भंडारे का भी आयोजन किया गया

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