जालंधर 4 दिसंबर (मोहित भास्कर) : मां बगलामुखी धाम नजदीक लम्मां पिंड चौंक होशियारपुर रोड़ पर स्थित गुलमोहर सिटी में धाम के संस्थापक एवं संचालक नवजीत भारद्वाज की अध्यक्षता में साप्ताहिक मां बगलामुखी हवन यज्ञ करवाया गया। सबसे पहले ब्राह्मणों ने नवग्रह, पंचोपचार, षोढषोपचार, गौरी, गणेश, कुंभ पूजन, मां बगलामुखी जी के निमित माला जाप कर आज के मुख्य यजमान श्वेता भारद्वाज से पूजा अर्चना उपरांत हवन यज्ञ में आहुतियां डलवाईं ।
इस यज्ञ में उपस्थित मां भक्तो को आहुतिया डलवाने के बाद नवजीत भारद्वाज ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि संसार में मनुष्य के लिए सबसे बड़ी कल्याण प्राप्ति यही है कि उस का चित तीव्र भक्ति योग द्वारा प्रभु में स्थिर हो जाए। बुराई छोड़ने में लाभ है जो महापुरुषों के कहने पर तुरंत बुराई का त्याग और अच्छाई को ग्रहण कर लेते हैं वह बड़े लाभ को प्राप्त कर लेते हैं।
उन्होने कहा कि यदि तुम्हें सब के स्वामी अंर्तयामी प्रभु का ध्यान भजन करना है तो सदगुरु की शरण में जाकर ज्ञानोपदेश तथा उनका आशीर्वाद लेकर अभी से भजन शुरू कर दें, आखिर तुम्हें कब समय मिलेगा। काल की गति बड़ी विचित्र है जो कभी हरे भरे वृक्ष थे, वह सब सूखे हो गए हैं और जलाने के लिए इंधन बन गये हैं। अत: समय को मत गंवाओ। नवजीत भारद्वाज कहा कि पुण्य कर्म करने वाले को सुख मिलता है तो पाप कर्म करने वाले को दुख मिलता है।
वहीं पुण्य करने वाले को स्वर्ग मिलता है तो पाप करने वाले को नरक मिलता है। उन्होने कहा कि धर्मराज युधिष्ठिर अपने जीवन मे कभी भी झूठ नहीं बोला लेकिन विवश होकर लाचारी में झूठ बोलना पड़ा। प्रत्येक व्यक्ति से कुछ न कुछ पुण्य कर्म और कुछ पाप कर्म हो जाता है। आज सुबह भारी ठंडी में भी श्रृद्धालुओं का जोश ठांठे मार रहा था।
इस अवसर पर राकेश प्रभाकर बलजिंदर सिंह, गुलशन शर्मा,एडवोकेट राज कुमार, अभिलक्षय चुघ,पूनम प्रभाकर,वावा जोशी,सौरभ अरोडा,किंवीन शर्मा,नवदीप,उदय, अभिनंदन प्रभाकर,अजीत कुमार, संजय अरोड़ा,अश्विनी शर्मा धूप वाले, मुनीश शर्मा, दिशांत शर्मा,अमरेंद्र शर्मा, मानव शर्मा, बावा खन्ना, विवेक शर्मा, अवतार सैनी, मुनीश,शाम लाल, अभिलक्षय चुघ,सुनील,राजीव, मनदीप सिंह,राजन शर्मा, प्रिंस, ठाकुर बलदेव सिंह, अजीत साहू,प्रवीण, दीपक ,अनीश शर्मा, साहिल,मनी सिंह,साहिल, ब्रजेश कुमार शर्मा,सुनील जग्गी सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर का भी आयोजन किया गया।