जालंधर 24 नवम्बर (ब्यूरो) : मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नजदीक लम्मां पिंड चौक में मां बगलामुखी जी के निमित्त श्रृंखलाबद्ध दिव्य हवन यज्ञ का आयोजन मंदिर परिसर में किया गया। मां बगलामुखी धाम के संचालक एवं संस्थापक नवजीत भारद्वाज की देख रेख में किया गया।सर्व प्रथम मुख्य यजमान अभिषेक भनोट से वैदिक रीति अनुसार गौरी गणेश, नवग्रह, पंचोपचार, षोडशोपचार, कलश, पूजन उपरांत ब्राह्मणों ने आए हुए सभी भक्तों से हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई ।
मां बगलामुखी जी के निमित्त भी माला मंत्र जाप एवं हवन यज्ञ में विशेष रूप आहुतियां डाली गई। हवन-यज्ञ की पूर्णाहुति के उपरांत नवजीत भारद्वाज ने आए हुए भक्तों से अपनी बात कहते हुए कहा कि अध्यात्म के बिना मानव जीवन अधूरा हैं। अध्यात्म एक जीवन निर्माण का मूल सूत्र हैं,दिशा हैं पथ हैं। मानव मात्र के लिए अध्यात्म महत्वपूर्ण हैं। जीवन की शुरुआत संस्कारों से होती हैं और संस्कार हमें अध्यात्म से मिलते हैं। हमारे पूर्वजों ने जैसा हमें संस्कार व शिक्षा दी वैसा हम जीने का प्रयास करते हैं। अपने जीवन में कर्म करके शांति से जीवन यापन करना चाहते हैं।
मनुष्य का मूल अध्यात्म हैं, उसे पुनर्जन्म के संस्कार माता के गर्भ में ही प्राप्त हो जाते हैं। परमात्मा व उनकी मूर्ति में श्रद्धा, ईश्वरीय शक्ति में विश्वास, सम्मान, बड़े व गुरुजनों के प्रति सम्मान आदि यह सब संस्कार अध्यात्म से बचपन में ही प्राप्त हो जाते हैं। मनुष्य का जन्म होता हैं, बड़ा, जवान, वृद्ध हो जाता हैं। इस जीवन रूपी यात्रा में वह अध्यात्म से बहुत कुछ सीखता हैं और अनुभव भी करता हैं। अध्यात्म से व्यक्ति को भीतर से आत्मविश्वास व मानसिकत बल मिलता हैं, व्यक्ति चाहे कैसा भी जीवन जी रहा हो, मन अशांत, व्याकुल या अस्थिर हो उसे सद्ग्रंथ व अध्यात्म का सहारा मिल जाये तो जीवन की यात्रा और सुगम व सरल हो जाती हैं। अध्यात्म में वो शक्ति हैं जो हारे हुए जीवन को जीत में बदल देता हैं।
इस अवसर पर राकेश प्रभाकर बलजिंदर सिंह, अमरजीत सिंह,वावा जोशी, नवदीप,उदय,अजीत कुमार,गुलशन शर्मा, अश्विनी शर्मा धूप वाले, मुनीश शर्मा, दिशांत शर्मा,अमरेंद्र शर्मा, मानव शर्मा, बावा खन्ना, विवेक शर्मा, शाम लाल, एडवोकेट राज कुमार, अभिलक्षय चुघ,सुनील,राजीव, राजन शर्मा, प्रिंस, ठाकुर बलदेव सिंह, अजीत साहू,प्रवीण, दीपक ,अनीश शर्मा, साहिल,सुनील जग्गी सहित भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद थे। आरती उपरांत प्रसाद रूपी लंगर का भी आयोजन किया गया।