जालंधर (बस्सी,शर्मा) – जब से पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तब से आप पार्टी के विधायक अपने नए नए कारनामों की वजह से सुर्खियों में बने हुए है।बात की जाए जालंधर की तो यहां एक भी ऐसे विधायक है जो अपने कारनामों के कारण पहले मीडिया में सुर्खियां बटोरते है,लेकिन जब बात उनकी पोजीशन पर आती है तो समझौता कर बात को दबाने में लग जाते है।यही नहीं चुनाव के बाद पंजाब की सत्ता में आई आम आदमी पार्टी की सरकार के विधायकों द्वारा अपनी पावर का इस्तेमाल कर लोगों को दबाने की कोशिश कर रहे हैं।जी हां हम बात कर रहे है उन विधायक की जिन्होंने ने पहले जालंधर के एडिशनल डिप्टी कमिश्नर मेजर अमित सरीन के साथ फिर शहर के चर्चित हस्पताल के मालिक पर एफआईआर दर्ज करवाकर पंगा ले लिया।लेकिन पिछली बार की तरह इस बार भी बात बिगड़ती नजर आई तो विधायक ने इस बार भी समझौता क
जालंधर के पश्चिमी क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के विधायक व प्रवक्ता शीतल अंगूराल एक तरह जहा लोगो को इंसाफ दिलवाने और उनकी समस्याओं का समाधान करने का दावा करते है,तो वही वह अपने नए नए कारनामे कर सुर्खियों बटोरने में लगे रहते है। खासकर मीडिया में अपनी सुर्खियां बटोर लोकप्रियता हासिल करने को दबंग विधायक बन पहले सरकारी मुलाजिमों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते फिर एक निजी हस्पताल में मृतक महिला को इंसाफ दिलवाने को लेकर पुलिस में डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज करवाते है।लेकिन जब भी बात उनकी पोजीशन पर आती है तो वह समझौता कर अपने आपको सही साबित करने में जुट जाते है।जालंधर के रामा मंडी रोड पर पड़ते जोहल हस्पताल के मालिक पर विधायक ने मृतक महिला को इंसाफ दिलाने के लिए पुलिस में रातों रात मामला दर्ज करवा दिया।लेकिन दो दिन से डीसी कार्यालय के बाहर आईएमऐ द्वारा विधायक के खिलाफ धरना प्रदर्शन शुरू हुआ तो विधायक ने आज डॉक्टर के साथ समझौता कर अपने सिर से विपदा को टाल दिया। यह पहली बार नहीं कि विधायक ने ऐसे समझौता किया इससे पहले भी जालंधर के डीसी कार्यालय में जाकर सरकारी मुलायम और एडिशनल डिप्टी कमिश्नर मेजर अमित सरीन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे तो तब भी अपने सिरपर बात आती देख डिप्टी कमिश्नर के सामने एडिशनल डिप्टी कमिश्नर और बाकी सारे सरकारी मुलाजिमों के साथ समझौता किया था।
अगर क्षेत्र की बात की जाए तो विधायक शीतल अंगुराल का तो यह क्षेत्र भी नही था। फिर भी उस क्षेत्र के विधायक से ज्यादा इन विधायक साब में अपनी पब्लिसिटी के लिए अन्य क्षेत्र में जाकर अपने आप को आगे रख डॉक्टर पर मामला दर्ज करवाया। जब देखा कि डॉक्टरों की और से भी प्रदर्शन जारी हो गया है। और सरकार के खिलाफ भी सब चल रहा है। जिसके चलते विधायक ने मामले को सुलझाने के लिए पिछली बार की तरह इस बार भी समझौता करने की सोची।
यह सब होने के बाद मृतक के परिजनों को क्या मिला,इसका अभी कुछ नही बताया। लेकिन क्या आगे से इस अस्पताल व विधायक पर कोई विश्वास कर सकता है। क्योंकि पिछले तीन चार दिन से चले इस ड्रामे को लोगो ने बखुबी देखा है।
अब लोग किस पर विश्वास करें पॉलिटिशन पर या डॉक्टरों पर।