जालन्धर 16 जनवरी (ब्यूरो) : मंगलवार को जालंधर के देश भगत यादगार हाल में संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से यहां कन्वेंशन की गई। इस कन्वेंशन में ऑल इंडिया से करीब 15 जत्थेबंदियों ने भाग लिया। उसके बाद उनके द्वारा एक प्रेसवार्ता की गई। जिसमें उन्होंने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बार फिर से केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। जहां उन्होंने अपनी मांगों को रखते हुए केंद्र सरकार को एक बार फिर अपने घेरे में ले लिया। मोर्चे के सदस्यों का कहना है कि केंद्र सरकार द्वारा जो भी किसान जत्थेबंदियों के साथ वादे किए गए थे। वह अभी तक भी पूरे नहीं किए हैं।
जानकारी देते हुए संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारी ने बताया कि 26 जनवरी गणतंत्र दिवस वाले दिन से हमारा संघर्ष एक बार फिर से शुरू होने जा रहा है। इस दिन पूरे भारत के 500 के करीब राज्यों के सभी जिलों में ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा। इस मार्च के दौरान लोगों को इस बात से जागरूक करवाया जाएगा, कि जो भी केंद्र सरकार ने किसानों के साथ किया है। उसके बारे में अवगत करवाया जाएगा।
यह ट्रैक्टर मार्च सभी जगह पर उसे समय निकाला जाएगा जब गणतंत्र दिवस का ध्वजारोहण हो जायेगा। उसके बाद ही यह मार्च शुरू किया जाएगा। संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारी ने यह भी कहा कि जो केंद्र सरकार द्वारा हिट एंड रन का नया कानून बनाया गया है। उसके विरोध में ड्राइवर को हमारी ओर से पूरा समर्थन भी साथ में दिया जा रहा है।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस मार्च के बाद 16 फरवरी को पूरे भारत के ग्रामीण क्षेत्रों को संपूर्ण रूप से बंद किया जाएगा। यह संघर्ष धीरे-धीरे और बढ़ता जाएगा। क्योंकि केंद्र सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ यह मोर्चा एक बार फिर से खोला गया है। इस आंदोलन में सरकार द्वारा जो वादे पूरे नहीं किए गए। उसको लेकर लोगों को जागरूक किया जाएगा।
इसके साथ उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा अपने-अपने जिलों से दिल्ली और हरियाणा सरकार को एक पत्र लिखेंगे जिसमें लखीमपुर खीरी में शहीद हुए किसानों के लिए शहीदी स्मारक बनाने के लिए प्रस्ताव रखा जायेगा।
इस मौके पर बलबीर सिंह राजेवाल, अवीक शाह,बलविंदर सिंह मल्ली, कृष्णा प्रसाद केरला,सुखदेव सिंह कुकरिकलां,राजाराम बिहार से,मुकेश चंदर,सुनीलम मध्य प्रदेश से व अन्य किसान प्रतिनिधि उपस्थित थे।
क्या-क्या रखी मांगे
MSP की को लिखित में सरकार द्वारा गारंटी दी गई थी उसे अभी तक पूरा नहीं किया गया।
60 साल से ऊपर किसानों को पेंशन अभी तक नहीं दी गई।
बिजली का मुद्दा
किसानों को अपनी फसलों का पूरा दाम मिले
लखीमपुर खीरी में जो किसान शहीद हुए थे उनके लिए शहीदी स्मारक बनाना।