जालंधर 18 अप्रैल (ब्यूरो) : जालंधर में एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी की रैली में केंद्र से लेकर पंजाब तक सभी मौजूद है। वही दूसरी और भारतीय जनता पार्टी को अलविदा कह मोंटी सहगल ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया। जिसे पंजाब के प्रधान राजा वड़िंग ने ज्वाइन करवाया।
वहीं दूसरी और वड़िंग ने पंजाब सरकार की बात करते हुए कहा कि पंजाब के लोगो को उम्मीद थी इस नई सरकार से,आम आदमी पार्टी के 92 विधायकों ने जीत कर यह सरकार बनाई। लेकिन सरकार ने जो भी चुनावो से पहले वादे किए थे। उसको लेकर यह सरकार बिल्कुल ही फेल साबित हुई है। सरकार बनने के तीन महीने बाद ही यह संगरूर की सीट को हार गए थे।
अब यह जालंधर लोकसभा की सीट भी हारने के लिए तैयार है। इन्होंने कहा था कि अपने सभी कार्यकर्ताओं से पूछ कर ही उम्मीदवार को घोषित करेंगे।लेकिन इन्होंने बिना किसी से पूछे अपने उम्मीदवार घोषित कर लिया। इनके पास तो कोई ऐसा चेहरा भी नही था इस चुनाव में उम्मीदवार के लिए,जिसके चलते बाद इन्होंने कांग्रेस से सुशील रिंकू को लाकर खड़ा कर दिया। पंजाब में लोगो को और पूरे पंजाब को इस सरकार ने बदनाम किया है। यहां पर पेरामिल्ट्री फोर्स को पंजाब सरकार लेकर आई है।
सिंद्धू मूसे वाले के कत्ल को लेकर वड़िंग ने कहा कि जब उसके कत्ल के बाद वहां पहुंचे तो लोगो ने कहा था कि यह सारा घटनाक्रम एक साजिश के तहत हुआ था। अभी तक उसका परिवार इंसाफ के लिए लड़ रहा है। मुससेवाले की बरसी पर इस पंजाब सरकार ने सभी इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया,या फिर बसों को बंद करना यह सब साजिश के तहत हो रहा है।
सरकार ने आने से पहले जो महिलाओं को 1 हजार रुपये देने का जो वादा किया था। अभी तक यह वादा तो पूरा हुआ नही है। अभी तक 12 हजार रुपये हो गया है। न ही शगुन स्कीम दी गई है। जो बाबा साहिब अम्बेडकर की प्रतिमा बनाने का कहा था।वह प्रतिमा कहाँ है। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने जो डेरा बल्ला को 25 करोड़ रुपये दिए थे। उसको सरकार बदलने के बाद आप सरकार ने रोक दिया था।लेकिन लोक सभा उपचुनाव आने पर वही 25 करोड़ रुपये यह खुद जाकर दे आये। यह सरकार तो मीडिया को भी दबा रही है। जो कि देश का चौथा सितम्भ है। 800 करोड़ रुपये से यह अपना प्रचार कर रही है। पंजाब से बाहर भी यह अपने इश्तिहार लगवा रहे है।
मोहल्ला क्लिनिक को लेकर कहा कि यह जो क्लिनिक बनाये गए है। उसमे सब डिवीजन से डॉक्टरों को हटाकर मोहल्ला क्लिनिक में लगा दिया गया है। जबकि अब वहां सब डिवीजन क्लिनिकों में कबूतर ही अपना डेरा बनाकर बैठे हुए है।